Self Help: सकारात्मक नजरिये से पास की जा सकती है बड़ी से बड़ी परीक्षा, जानें कैसे?


UPSC के रिजल्ट जारी हुए, जिसमें देश के अलग-अलग कोने से कई प्रतिभागियों ने सफलता हासिल की। लेकिन कई ऐसे भी एस्पीरेंट होंगे जो कड़ी मेहनत के बाद भी सफल नहीं हो पाए। इस क्षेत्र से जुड़े एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सफलता और असफलता एक पहलू हैं जो कभी न कभी आपसे टकराते हैं, बस मेहनत लगातार करते रहना चाहिए। एक बार, दो बार, तीन बार या फिर असफलता कितनी ही बार क्यों न मिले तब तक कोशिश करनी चाहिए जब तक सफल न हो जाए। असफलता भी सफलता की सीढ़ी ही है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि कैसे आप सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ सकते हैं…

सफलता के लिए मेहनत और लगन के साथ ही Positive attitude भी सबसे अहम माना जाता है। अपनी सफलता और तैयारी के बीच अगर युवा Positive attitude का तालमेल बनाकर चलेंगे तो निश्चित ही वे सफलता हासिल कर सकते हैं।

भारत में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की स्केल और वॉल्यूम, डिफिकल्टी लेवल, सिलेबस और एग्जाम पैटर्न, कंडक्ट कई मामलों में पूरी दुनिया से अलग हैं। जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स की मदद से कि किन बातों को ध्यान में रखकर युवाओं को कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी करनी चाहिए।

कॉम्पीटटिशन को टफ रहने दें बनाएं अपनी सोच को ईजी

दुनिया की दूसरी आबादी वाला देश है भारत, ऐसे में अच्छे मौकों के लिए कॉम्पिटिटिव माहौल का होना लाजिमी है। यही वजह है कि उम्मीदवारों की संख्या भी काफी अधिक होती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि 100 सीटों के लिए लगभग 1 लाख लोग से ज्यादा फार्म भरते हैं। ऐसी स्थिति में कैंडिडेट्स को टाइम मैनेजमेंट, प्रायोरिटी ऑर्डर, स्टडी की तकनीक, सेल्फ-रेग्युलेशन, स्ट्रेस मैनेजमेंट को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिए। इसके अलावा सबसे ज्यादा जिस चीज की जरूरत है वो है धैर्य और पॉजिटिव एट्टीट्यूड।

डिफिकल्टी लेवल ज्यादा

इन क्षेत्रों के जानकार ये कहते हैं कि भारत के प्रतियोगी परीक्षाएं दुनिया की प्रतियोगी परीक्षाओं से कहीं ज्यादा कठिन होते हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं होता कि भारत की आबादी ज्यादा है और इनमें कम सीटों के लिए अधिक कैंडिडेट्स अपीयर होते हैं। बल्कि इसलिए कि इन प्रश्नों को सॉल्व करने के लिए विषय की गहरी समझ, वैचारिक समझ और पर्टिक्युलर स्किल्स की जरूरत भारत में अहम मानी जाती है।

सफलता के लिए जरूरी स्टेप्स

• पॉजिटिव एटीट्यूड किसी भी परीक्षा में बैठने की सबसे पहली शर्त होती है। भारत में कॉम्पिटिशन की यह स्थिति अभूतपूर्व, ऐतिहासिक और एक्स्ट्राऑर्डिनरी मानी जाती है।

• कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी में एक्सपर्ट्स और अनुभवी व्यक्तियों से प्रॉपर गाइडेंस का ध्यान जरूर रखें।

• यह केवल आपकी प्रतिभा को परखने की बात नहीं है बल्कि यह एक युद्ध है – बैटल ऑफ ब्रेन्स। किसी तरह के तनाव की जगह अपना बेस्ट देने की तरफ फोकस करें।

• अपना कॉन्फिडेंस बनाए रखें, अगर आप भारत के कॉम्पिटिटिव एग्जाम के माहौल में सफल हो गए हैं तो आपके पास विश्व के सबसे अच्छे ब्रेन्स में से एक है।

• प्लान-B को लेकर कई लोगों की सोच अलग होती है लेकिन ज्यादातर स्मार्ट लोग प्लान-B जरूर रखते हैं ताकि बुरे से बुरे सिचुएशन में भी आप हताश न हों।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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