काशी में देश के समृद्ध संगीतमय विरासत के साक्षी बनेंगे G-20 के मेहमान!


G-20 में शामिल होने पहुंचे विदेशी मेहमानों की वाराणसी यात्रा अविस्मरणीय होने वाली है। इसके लिए बनारस आने वाले मेहमानों का स्वागत देश की समृद्ध सांगीतिक व सांस्कृतिक विरासत के साथ किया जाएगा। बनारस की कला संस्कृति के साथ ही देश भर की सांगीतिक विधाओं की प्रस्तुतियां इस काशी में होगी। सबसे खास एयरपोर्ट से गंगा घाट तक के आयोजन होंगे जिसे यादगार बनाने के लिए किया जा रहा कार्य पूरा हो चुका है।

भारत की अनूठी संस्कृति से जुड़ेंगे लोग

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विदेशी मेहमानों के आतिथ्य को यादगार बनाया जाएगा। जी-20 प्रतिनिधिमंडल की अगवानी से लेकर विदाई तक उनकी हर सुख-सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। साथ ही उत्तरप्रदेश की अनूठी संस्कृति से भी लोग रूबरू हो सकेंगे।

संगीतमय सांस्कृतिक आयोजन

तीन दिनों के इस उत्सव में 15 विशेष प्रकार के संगीतमय सांस्कृतिक आयोजन करवाए जाएंगे। इसमें एयरपोर्ट पर उनके आगमन से लेकर सारनाथ संग्रहालय के अवलोकन तक के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। जी-20 बैठक के लिए दुनियाभर से 160 विदेशी डेलीगेट्स पहुंचेंगे। 100 विदेशी पत्रकार भी कवरेज के लिए काशी में शामिल होंगे।

सांस्कृतिक आयोजन पर रहेगी नजर

11 जून को लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विदेशी मेहमानों का स्वागत काशी परंपरा के अनुसार किया जाएगा। इसमें डमरुओं की नाद, बुंदेलखंड की पाई डंडा नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र बनेंगी। तरना में कर्मा लोकनृत्य भारत की अनादिकालीन विरासत की स्मृति करवाएगा। शहर में प्रवेश के साथ ही शिवपुर तिराहे पर विदेशी आगंतुक पूर्वांचल के प्रसिद्ध धोबिया लोकनृत्य का आनंद ले पाएंगे। नदेसर स्थित पांच सितारा होटल में उनका भव्य स्वागत बुंदेलखंड के लोकनृत्य राई और पूर्वांचल के फरुवाही लोकनृत्य से किया जाएगा।

नमो घाट पर पर ढोल की थाप विशेष आकर्षण का केंद्र

12 जून को नमो घाट पर मेहमानों का स्वागत मशहूर ढोल नृत्य बमरसिया से किया जाएगा। यही नहीं कहरवा लोकनृत्य का भी आयोजन इस दौरान होगा। ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में प्रदेश की शिल्पकारी का अवलोकन करने के दौरान विदेशी मेहमानों के लिए थारू लोकनृत्य और ढेडिया लोकनृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी।

होटल ताज में दोबारा आगमन पर ब्रिटिश बैगपाइपर की तर्ज पर उत्तराखंड की मस्कबीन की सुमधुर ध्वनि, होटल में डिनर के दौरान बांसुरी, वायलिन और तबले की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां काशी G-20 की और भी खास बनाएगी। थीम बेस्ड क्लासिकल डांस का भी आयोजन होगा। 13 जून को सारनाथ स्थित संग्रहालय में विदेशी अतिथियों का स्वागत हुड़क मजीरा और मयूर लोकनृत्य का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *