

राजस्थान के जोधपुर जिले में भड़ला गांव है। यही पर स्थापित है दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क। करीब 14 हजार हेक्टेयर में फैला ये सोलर पार्क बेमिसाल है। इस क्षेत्र में आप जहां तक देख सकते हैं वहां तक सिर्फ सोलर पैनल ही दिखाई देंगा। ऐसा लगता है जैसे सोलर पैनल का कोई शहर बसा हो।
इसकी खूबसूरतू को सैटेलाइट से भी देखा जा सकता है। सैटेलाइट से देखने पर ये ऐसा दिखाई देता है जैसे धरती पर नीले रंग का आसमान बसा हो। य सोलर पार्क इतना बड़ा है कि फ्रांस की राजधानी पेरिस की आधी आबादी यहां पर बस सकती है। पार्क की सुरक्षा के लिए बनी दीवार की लंबाई को जब नापा जाएगा तो यह करीब 200 किमी लंबी है। जहां 300 से ज्यादा गाड्र्स 24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते हैं।
दुनियाभर का नहीं कोई मुकाबला
भड़ला के सोलर पार्क में हर साल 5 अरब 46 करोड़ यूनिट बिजली बनाई जाती है। इससे 24 घंटे तक लगातार 22 लाख घरों को बिजली सप्लाई की जा रही है। 9,900 करोड़ की लागत से चार फेज में बने इस पार्क से दुनिया की बेहतरीन कंपनियां इतनी बिजली पैदा करती हैं कि दुनियाभर में इसका कोई मुकाबला नहीं है।
देश के दूसरे राज्यों को भी मिलती है बिजली
इस सोलर प्लांट से राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश जैसे कई राज्यों में सस्ती दरों पर बिजली सप्लाई की जा रही है। जयपुर से करीब 320 किलोमीटर दूर स्थित है भड़ला गांव। बता दें किभड़ला को ही सोलर पार्क के लिए इसलिए चुना गया है क्योंकि जोधपुर की गर्मी। यहा गर्मी ज्यादा पड़ती है या फिर सूर्य की किरणें सीधी आती हैं। सोलर पार्क बनाने के लिए सबसे ज्यादा टेम्परेचर वाली जमीन के साथ ही पूरे साल साफ मौसम रहने वाली और हजारों हेक्टेयर बंजर जमीन की जरूरत को भी भड़ला। यहां कंपनियों ने कम लागत में आसानी से सोलर प्लांट लगाया है। सोलर पैनल से बिजली बनाने के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान की जरूरत होती है। लंबी रिसर्च के बाद पता चला कि ये सारी चीजें भड़ला गांव में हैं।
1 करोड़ सोलर पैनल, 14 हजार हेक्टेयर में
राजस्थान सरकार व IL&FS की जॉइंट वेंचर कंपनी सौर ऊर्जा के प्लांट के अधिकारी कहते हैं कि करीब 14 हजार हेक्टेयर में फैले इस पार्क में करीब 1 करोड़ सोलर पैनल लगाए गए हैं। पार्क में सबसे ज्यादा सोलर पैनल 1 हजार मेगावाट के सौर्य ऊर्जा के प्लांट में लगे हुए हैं। यहां करीब 40 लाख सोलर पैनल हैं, जिनसे बनने वाली बिजली पावर ग्रिड के जरिए घरों तक पहुंचाई जाती है।
रोबोट से सोलर प्लेट की सफाई
भड़ला सोलर पार्क के चारों तरफ रेत से घिरी है। यहां से हर दिन मिट्टी उड़कर सोलर प्लेट पर आती है। सोलर प्लेट पर मिट्टी आने से बिजली नहीं बन सकती है। यही सबसे बड़ी चुनौती थी 1 करोड़ सोलर प्लेट को हर दिन साफ किया जाए तो कैसे। ऐसे में सोलर प्लेट को सफाई का जिम्मा रोबोट को सौंपा गया।
रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) के प्लांट स्थापित करने में राजस्थान देश में सबसे पहले नंबर पर आता है। यहां विंड और सोलर एनर्जी के प्लांट्स की क्षमता 21.6 गीगावाट है। राजस्थान राज्य ने वर्ष 2025 तक 37.5 गीगावाट क्षमता के प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

