

Mission Chandrayaan-3: भारत का स्पेसशिप चांद पर उतरने की तैयारी पूरी कर चुका है। इसके लिए इसरो चंद्रयान-3 लॉन्चिंग की तैयारी में लगा है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल होने पर भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट को उतार चुके हैं।
मिशन चंद्रयान-3 के बारे में…
चंद्रयान मिशन के अंतर्गत इसरो चांद के बारे में विस्तृत अध्ययन करना चाहता है। भारत ने पहली बार 2008 में चंद्रयान-1 को सक्सेसफुल लॉन्च किया था। इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में भारत को सफल नहीं हो सका था। लेकिन अब भारत ने फिर से प्रयास के तौर पर चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। ऐसा कर भारत इतिहास रचने की कोशिश में है। इसकी लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर की जाएगी।
चंद्रयान-2 मिशन
चंद्रयान-2 मिशन को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था। जो करीब 2 महीने बाद 7 सितंबर 2019 को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने की कोशिश में था लेकिन विक्रम लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की वजह से यह सफल नहीं हो सका। इसके बाद से ही भारत चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी में लग गया है।
इसरो के पास पहले लैंडिंग का मौका
रूस ने अपना मून लैंडर मिशन को रोक दिया है। ऐसा ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के एडिशनल चेक्स पूरे न होने की वजह हुआ है। इससे पहले 2022 में भी रूसी मिशन तकनीकी दिक्कतों की वजह से टला था। ऐसी स्थिति में अगर भारत का चंद्रयान-3 सफल होता है तो भारत के पास रूस से पहले चंद्रमा पर उतरने का मौका है।
इसरो चीफ एस सोमनाथ इस मिशन को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रयान -2 मिशन में हम भले ही सफलता हासिल नहीं कर पाए थे। सफलता भले ही न मिले लेकिन बड़ी बात ये है कि हम इससे सीख लेकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि असफलता मिलने का मतलब ये नहीं कि हम कोशिश करना छोड़ दें। चंद्रयान- 3 मिशन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और हम इतिहास रचने तैयार हैं। इसरो ने स्पेस शिप को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए तीन हिस्से बनाए हैं।
इसे टेक्निकल भाषा में मॉड्यूल कहते हैं।

