RBI Instruction: यदि आप उन लाखों लोगों में शामिल हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती के बावजूद अपनी होम लोन, कार लोन, या पर्सनल लोन की EMI (समान मासिक किस्त) कम होने का इंतजार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है।
दरअसल, RBI ने 5 दिसंबर को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती की थी, जिसके बाद यह दर घटकर 5.25 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, कई बैंक इस कटौती का पूरा फायदा लोन लेने वाले ग्राहकों को तुरंत नहीं दे रहे थे। इसी मुद्दे पर नाराज़गी जाहिर करते हुए, RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को पब्लिक सेक्टर के बैंकों और बड़े प्राइवेट बैंकों के एमडी-सीईओ के साथ सीधी बातचीत की।
गवर्नर ने बैंक प्रमुखों को स्पष्ट हिदायत देते हुए कहा: “जितनी बार हमने रेपो रेट कम किया है, उसका पूरा फायदा तुरंत ग्राहकों को दो!” यह सख्ती इस बात का संकेत है कि केंद्रीय बैंक अब उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगा।
रेपो रेट में बड़ी कटौती
RBI ने फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में 1.25% (125 बेसिस प्वाइंट) की बड़ी कटौती की है, जिससे रेपो रेट 5.25% पर आ गया है। इस दौरान देश की GDP ग्रोथ भी 8% के पार चल रही है, जो मजबूत आर्थिक स्थिति का संकेत है।
लेकिन, इसके बावजूद ज्यादातर बैंक अभी तक पुरानी और ऊंची ब्याज दरें ग्राहकों से वसूल रहे हैं। यह स्थिति केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति के उद्देश्यों को प्रभावित करती है, क्योंकि रेपो रेट कटौती का मुख्य लक्ष्य अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बढ़ाना और उपभोक्ताओं को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराना होता है। RBI गवर्नर ने इस विलंब पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि “यह पैसा जनता का है, देर मत करो, EMI घटाओ।”
बैंकिंग हो सस्ती
गवर्नर मल्होत्रा ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि बैंकों की कार्यप्रणाली में तकनीक (Technology) का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे उनकी परिचालन लागत (Operational Costs) कम होनी चाहिए। उन्होंने कहा,
“तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से बैंकिंग सस्ती होनी चाहिए, जिससे छोटे-मोटे बिजनेस और आम लोगों को सीधा फायदा हो।”
उन्होंने यह भी माना कि साल 2025 में बैंकों की सेहत सुधरी है और एनपीए (NPA) यानी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां कम हुई हैं, लेकिन साथ ही लापरवाही न करने की कड़ी चेतावनी भी दी।
डिजिटल सुरक्षा पर फोकस
बैंकिंग क्षेत्र की समग्र गुणवत्ता सुधारने के लिए, RBI गवर्नर ने बैंकों से कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार लाने को कहा,
- कस्टमर सर्विस- ग्राहकों की सेवाओं में सुधार किया जाए और शिकायतों का जल्दी निपटान हो।
- डिजिटल सुरक्षा- डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर बैंक अलर्ट रहें और इंटेलीजेंस बेस्ड सेफ्टी को बढ़ावा दें।
- प्रशासनिक कार्य- री-केवाईसी (Re-KYC) और बिना क्लेम के जमा पैसे (Unclaimed Deposits) को उनके हकदारों तक लौटाने के काम में और तेज़ी लाने की हिदायत दी गई।
सख्त कदम उठाने की चेतावनी
RBI ने स्पष्ट किया कि बैंक प्रमुखों के साथ यह मीटिंग रेगुलर तौर पर होती रहती है। इससे पहले ऐसी बैठक 27 जनवरी 2025 को हुई थी, जिसका अर्थ है कि बैंकों पर अब लगातार नजर रखी जाएगी।
इस सख्ती के बाद, जनवरी तक होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI में अच्छी कटौती देखने को मिल सकती है। RBI ने साफ कर दिया है कि अगर बैंक जल्द ही ब्याज दरें घटाकर ग्राहकों को फायदा नहीं देते हैं, तो केंद्रीय बैंक आगे और सख्त कदम उठा सकता है। अब गेंद पूरी तरह से बैंकों के पाले में है और ग्राहकों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी जेब को राहत मिलेगी।
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