Bastar Olympics 2025: बस्तर की खेल प्रतिभाओं के लिए बहुप्रतीक्षित बस्तर ओलंपिक 2025 की संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का भव्य शुभारम्भ 11 दिसंबर को उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस गौरवशाली कार्यक्रम में भारत की सुप्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज और ओलंपियन मैरी कॉम ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की।
मैरी कॉम के मंच पर पहुंचते ही पूरा स्टेडियम दर्शकों की तालियों से गूंज उठा। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में “जय जोहार” कहकर दर्शकों का अभिवादन किया, जिसके बाद पूरे स्टेडियम में उत्साह और अपनापन का माहौल बन गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य मंत्रियों के साथ मैरी कॉम ने औपचारिक रूप से बस्तर ओलंपिक का उद्घाटन किया। हजारों दर्शकों की मौजूदगी ने इस आयोजन को एक ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान किया।
“बस्तर में असीम प्रतिभा” मैरी कॉम
अपने प्रेरक संबोधन में मैरी कॉम ने बस्तर के युवाओं की प्रतिभा की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि “बस्तर खेल प्रतिभाओं का गढ़ है। यहाँ के युवा खिलाड़ी जन्मजात प्रतिभा वाले हैं और कठिन परिस्थितियों के बावजूद बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं।”
एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी होने के नाते, मैरी कॉम ने खिलाड़ियों को जीत-हार से परे खेल के वास्तविक महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि खेल केवल जीत-हार का नाम नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास का नाम है। उन्होंने बस्तर के एथलीटों को प्रेरित करते हुए कहा कि, “प्रदेश और देश का नाम रोशन करने की बारी अब आपकी है।” उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि बस्तर के खिलाड़ी आगे बढ़कर केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी छत्तीसगढ़ की पहचान बनें। उन्होंने ऐसे आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि ये ग्रामीण और आदिवासी अंचलों के खेल प्रतिभाओं को आगे आने का एक बड़ा मंच देते हैं।
दूरस्थ अंचल में गौरव का क्षण
बस्तर ओलंपिक का सबसे भावनात्मक और गौरवपूर्ण क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंच से बस्तर ओलंपिक की मशाल प्रज्वलित की। यह मशाल सुकमा जिले के सुदूर अंचल पूवर्ती के प्रतिभावान खिलाड़ी विजय डोडी (कबड्डी खिलाड़ी) और नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक की निवासी सलोनी कवाची (खो-खो खिलाड़ी) को सौंपी गई।
इन दोनों खिलाड़ियों ने पूरी ऊर्जा और गर्व के साथ ग्राउंड की परिक्रमा लगाते हुए मशाल को मुख्य प्रज्वलन स्थल तक पहुंचाया और बस्तर ओलंपिक की मशाल प्रज्वलित की।
विजय डोडी (सुकमा) और सलोनी कवाची (नारायणपुर) की इस दौड़ ने पूरे आयोजन को भावनात्मक ऊँचाई दी। यह सुकमा और नारायणपुर जैसे माओवाद-प्रभावित एवं दूरस्थ क्षेत्र के लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक क्षण था, जब उनके खिलाड़ी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ हजारों दर्शकों के सामने दौड़ लगाई। उनकी दौड़ के साथ दर्शकों का उत्साह भी चरम पर दिखा।
प्रतिभाओं की माटी
बस्तर ओलंपिक का यह भव्य उद्घाटन एक बार फिर यह साबित करता है कि बस्तर की माटी में असीम खेल प्रतिभाएं पनप रही हैं। यह आयोजन स्थानीय प्रतिभाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राज्य सरकार और प्रशासन के संयुक्त प्रयास से ऐसे बड़े मंच तैयार किए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण और आदिवासी अंचलों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाए जा सकें। मैरी कॉम जैसी दिग्गज हस्ती का इस आयोजन में शामिल होना, बस्तर के युवाओं के सपनों को नई उड़ान देगा और उन्हें अपने खेल को करियर के रूप में देखने के लिए प्रेरित करेगा।
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