Women For Tree Scheme: देशभर में हरित क्रांति और सतत विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार के अमृत मिशन (AMRUT Mission) के तहत संचालित महत्वाकांक्षी पहल ‘वुमेन फॉर ट्री’ योजना छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बनती जा रही है। विशेष रूप से बालोद जिला, जहां इस योजना ने पर्यावरण संरक्षण और महिला आत्मनिर्भरता दोनों क्षेत्रों में ऐतिहासिक बदलाव लाने की शुरुआत की है।
बालोद में हरियाली की नई कहानी
वुमेन फॉर ट्री योजना के अंतर्गत बालोद जिले के 08 नगरीय निकायों में अब तक 6,950 पौधे लगाए जा चुके हैं। यह सिर्फ वृक्षारोपण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसा सामाजिक अभियान है जिसने पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपकर इसे भविष्य के लिए स्थायी मॉडल बनाया है। महिलाएं पौधों की देखभाल, सिंचाई, सुरक्षा और नियमित रखरखाव का जिम्मा संभाल रही हैं।
इससे पौधों की जीवित रहने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और समाज में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ी है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
योजना का मुख्य उद्देश्य हरियाली बढ़ाने के साथ महिलाओं को मजबूत आर्थिक आधार प्रदान करना है।
इसके तहत,
- 66 महिलाओं को नियमित कार्य उपलब्ध कराया गया है
- प्रत्येक महिला को ₹8,000 मासिक मानदेय दिया जा रहा है इसके अलावा,
- साड़ी
- जैकेट
- जूते
- फावड़ा, कुदाली, बेलचा व धमेला
सहित पूरा टूलकिट भी उपलब्ध कराया गया है
इससे महिलाएँ न केवल आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि अपने परिवार की जिम्मेदारियाँ भी बेहतर तरीके से निभा पा रही हैं। कई महिलाओं ने बताया कि ये आय उनके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और घरेलू खर्चों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
हरित रोजगार के नए अवसर
जिला प्रशासन ने आने वाले समय में, वृक्षारोपण का दायरा और बढ़ाने अधिक से अधिक महिलाओं को शामिल करने तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने जैसी पहलें करने की घोषणा की है, जिससे ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) के नए अवसर विकसित होंगे।
नगर पालिका परिषद बालोद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री मोबिन अली ने कहा कि-
यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन चुकी है।
उन्होंने नागरिकों से वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों की स्वच्छता और संरक्षण में सहयोग करने की अपील की।
“हरित छत्तीसगढ़”
जिला प्रशासन ने सभी नागरिकों, संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को इस अभियान से जुड़ने और हरित छत्तीसगढ़ (Green Chhattisgarh) के निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया है।
यह पहल यह साबित करती है कि-
जब महिला आगे बढ़ती है, तो समाज भी आगे बढ़ता है… और जब महिला पौधों को बचाती है, तो भविष्य भी हरा-भरा होता है।

