Nitish Kumar 10th time CM: बिहार की राजनीति में एक नाम ऐसा है जिसने सत्ता, समीकरण, गठबंधन और नेतृत्व हर मोर्चे पर खुद को बार-बार साबित किया है। वो नाम है नीतिश कुमार, जिन्हें देश “सुशासन बाबू” के नाम से जानता है। Bihar Election 2025 के नतीजों ने एक बार फिर साफ कर दिया कि सूबे की राजनीति में नीतिश का कद आज भी सबसे बड़ा है। यही वजह है कि वे अब 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।
लेकिन आपके मन में सवाल उठना स्वाभाविक है “केवल 5 बार चुनाव हुए, तो शपथ 10 बार कैसे?” दरअसल, यही तो है नीतिश कुमार की राजनीति का अनोखा सफर—turning points, resignations, alliances, और new beginnings से भरा।
बख्तियारपुर से सत्ता के शीर्ष तक
1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर (पटना) में जन्मे नीतिश कुमार बचपन में घर में “मुन्ना” नाम से पुकारे जाते थे। उनके पिता कविराज राम लखन सिंह, स्वतंत्रता सेनानी और आयुर्वेदाचार्य थे, जबकि मां परमेश्वरी देवी एक सरल-सौम्य गृहिणी थीं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गणेश हाई स्कूल, बख्तियारपुर से की और 1972 में Bihar College of Engineering, Patna से Electrical Engineering की डिग्री प्राप्त की। कुछ समय उन्होंने बिजली बोर्ड में भी काम किया, पर उनका मन राजनीति की ओर खिंच चुका था। उनका विवाह 22 फरवरी 1973 को मंजू कुमारी सिन्हा से हुआ। इनके पुत्र का नाम निशांत कुमार है।
राजनीति में एंट्री
1970 का दशक बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल का समय था। यही वो दौर था जब युवा नीतिश जेपी आंदोलन, कर्पूरी ठाकुर, राम मनोहर लोहिया जैसे दिग्गजों के संपर्क में आए। यहीं से उनकी राजनीतिक पारी की नींव पड़ी। 1985 में उन्होंने हरनौत विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने। इसके बाद वे तेजी से स्थापित होने लगे—
- 1987: युवा लोकदल अध्यक्ष
- 1989: जनता दल महासचिव
- इसी साल पहली बार लोकसभा सांसद
- 1991, 1996 और 1998 में भी वे सांसद चुने गए।
केंद्रीय मंत्री के रूप में प्रभाव
नीतिश कुमार ने केंद्र में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।
1990: कृषि राज्य मंत्री
1998–99: रेल मंत्री
वाजपेयी सरकार में सड़क परिवहन, कृषि और रेल जैसे बड़े मंत्रालयों का नेतृत्व। रेल मंत्रालय के दौरान इंटरनेट टिकटिंग, ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ोतरी, नई सेवाओं की शुरुआत जैसी कई पहलें उनके नाम हैं।
कैसे बने 10 बार मुख्यमंत्री
1st Term – 2000
सिर्फ 7 दिन का कार्यकाल। बहुमत न होने पर इस्तीफा।
2nd Term – 2005
बिहार में NDA की बड़ी जीत और नीतिश कुमार की वापसी। भ्रष्टाचार-रहित और विकास की छवि बनने लगी।
3rd Term – 2010
सड़कों, बिजली, कानून व्यवस्था में बड़े बदलाव।
4th Term – 2015
महागठबंधन के सहारे वापसी।
5th Term – 2015 (same year)
नीतिश कुमार ने जीत के बाद दुबारा शपथ।
6th Term – 2017
महागठबंधन टूटने के बाद NDA के साथ सरकार। एक और शपथग्रहण।
7th Term – 2020
कोविड काल में नई सरकार।
8th Term – 2022
NDA छोड़कर महागठबंधन में वापसी—फिर शपथ।
9th Term – 2024/2025
NDA के साथ एक और नई सरकार।
10th Term – 2025 (expected)
इस बार NDA की शानदार जीत… और नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में।
JDU कैसे बनी
- 1994 में नीतिश ने जॉर्ज फर्नांडिस के साथ समता पार्टी बनाई।
- 2003 में इसका विलय जनता दल में हुआ और नाम पड़ा जनता दल (यूनाइटेड)।
- इसके बाद JDU ही बिहार की राजनीति में नीतिश का सबसे बड़ा हथियार बना।
क्यों कहे जाते हैं ‘सुशासन बाबू’
- Women Empowerment
- Prohibition Policy
- Road Development
- Law & Order में सुधार
- Electricity और शिक्षा में उल्लेखनीय बदलाव
- इन सबने मिलकर उनकी छवि ‘डिलीवरी-ओरिएंटेड CM’ की बनाई।
क्यों Unique है Nitish की राजनीति?
- बार-बार इस्तीफे
- गठबंधन बदलने की रणनीति
- सत्ता से दूरी और वापसी दोनों का अनुभव
- Practical politics + governance focus
- Bihar Politics में strongest survival instinct
वे भारतीय राजनीति में “The Master of Political Management” कहे जाते हैं।
नीतिश कुमार की 10वीं शपथ सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है। ये उनकी political longevity, strategy, survival, और public acceptance का दस्तावेज़ है।

