US Company First Solar to Invest in India : हाल ही में भारत और अमेरिका के रिश्तों में काफी मजबूती आई है। जिसका फायदा भारतीय तकनीकी को मिल रहा है। इस बात का उदाहरण तेल और गैस मंत्री हरदीप पुरी और अमेरिका के ग्रैनहोम की मुलाकात से लिया जा सकता है। ग्रैनहोम ने इस मुलाकात के बाद कहा कि, अमेरिका भारत को स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में सबसे आवश्यक भागीदार के रूप में देख रहा है। दरअसल ये बात पूरी तरह से सही साबित होती है क्योंकि भारत ने हरित हाइड्रोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अमेरिकी ऊर्जा सेकेट्री ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह से भी इस संबंध में बात की। उन्होंने कहा कि फंडिंग के मामले में भारत ने जो प्रतिबद्धता जताई है वे काफी सराहनीय है। उदाहरण के लिए अमेरिकी फर्म फर्स्ट सोलर भारत में सौर पैनलों के उत्पादन के लिए अरबों डॉलर का निवेश करने वाली है।
अमेरिका-भारत का साथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा के दौरान दोनों देशों ने निवेश मंच बनाने की मंशा पर जोर दिया गया था। जो पूंजी की लागत को प्रभावी ढंग से कम करने और भारत में ग्रीनफील्ड नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हरित प्रौद्योगिकी प्रोजेक्ट्स को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। इस क्षेत्र में हो रहे कार्यों से बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय निजी वित्त को आकर्षित होंगे। शिखर सम्मेलन में जारी भारत-अमेरिका संयुक्त बयान के अनुसार, अमेरिका और भारत अपनी तरह का पहला, अरबों डॉलर का निवेश मंच विकसित करने का प्रयास साथ मिलकर करेंगे। इसका उद्देश्य ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए उत्प्रेरक पूंजी प्रदान करेगा और जोखिम भी कम करेगा। ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कारगर कदम के रूप में स्थापित होगा।