

Job’s For Her की रिपोर्ट में जनवरी 2022 और जनवरी 2023 के बीच भारत में 300 से ज्यादा कंपनियों को एक सर्वे में शामिल किया है। इसके तहत कंपनियों से डाटा इकट्ठा किया गया। इस सर्वे से महिलाओं के लिये एक अच्छी बात सामने आई है। इस सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों में महिलाएं लगभग 50% हैं, जो कि 2021 की तुलना में 17% की वृद्धि का हिस्सा बनी हैं।
क्या कहती है सर्वे?
इस सर्वे के अनुसार, 70% कंपनियों ने अपनी नियुक्ति में जेंडर डाइवर्सिटी पर पूरी तरह से ध्यान दिया है। ये दर्शाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में महिलाओं की नियुक्ति 13% की वृद्धि हुई है। काम पर लौटने वाली महिलाओं के सपोर्ट में, 57% बड़े उद्यमों और 43% स्टार्टअप/एसएमई ने और उनकी सहायता के लिए योजनाएं बनाई है, जबकि 51% ने भर्ती को बढ़ाने के लिए नौकरी प्लेटफार्मों के साथ साझेदारी भी शामिल है।
कर्मचारियों की भलाई के लिए घर से काम करने की पॉलिसी को लागू करने के महत्व के बावजूद, 2022 में आयोजित विविधता सर्वेक्षण ने कोविड के बाद के दौरान इस नीति को अपनाने में धीरे-धीरे कमी देखी गई थी।
लेकिन अगर अभी की बात करें तो काम करने की दर अभी भी कोविड से पहले के मुकाबले अधिक है। 2019 में, WFH को लागू करने वाली कंपनियों का प्रतिशत 59% था, जो 2020 में बढ़कर 85%, 2021 में 83% और फिर 2022 में घटकर 63% हुआ।
महिला नेटवर्क महिलाओं के बीच कम्यूनिटी की भावना को समर्थन और बढ़ावा देने में काफी अहम भूमिका निभाते हैं। सर्वे में शामिल 80% कंपनियों के अनुसार, महिलाओं के नेटवर्क की शक्ति का उपयोग मूल्यवान प्रतिक्रिया के माध्यम से नीतियों और पुरानी नीतियों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण है।
जॉब्स फॉर हर की तरफ से यह कहा गया कि “यह रिपोर्ट हमारे समाज में विविधता द्वारा निभाई जाने वाली मुश्किल भूमिका के प्रमाण के रूप में सामने है और इसके लिए वकालत करने की तत्काल जरूरत पर जोर देती है। काम पर महिलाओं की वापसी, विविधता भर्ती, पूर्वाग्रह प्रशिक्षण, विविधता जागरूकता कार्यशालाएं, महिला नेटवर्क, परामर्श, और जैसी पहल लचीली कार्य व्यवस्थाएं प्रगति का संकेत हैं। 2022 में संगठनों द्वारा प्रदर्शित अटूट प्रतिबद्धता और समर्पण भारत में अधिक विविध और समावेशी कॉर्पोरेट माहौल की ओर सकारात्मक बदलाव के संकेत देते हैं।