

इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation) देश के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों के लिए एक खास पहल करने जा रही है। दरअसल कुछ दिनों पहले इंफोसिस फाउंडेशन (Infosys Foundation) ने ये घोषणा की थी कि भारत के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों के परिवारों को करीब 30 करोड़ रुपये का शैक्षणिक अनुदान और छात्रवृत्ति देने के लिए भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों का निदेशालय (DIAV) के साथ मेमो साइन किया है।
शहीदों की पत्नी और बच्चों की बेहतरी के लिए उठाया गया कदम
सेना के शहीद जवानों की पत्नियों और उनके बच्चों को करीब 30 करोड़ रुपये का शैक्षणिक अनुदान और स्कॉलरशिप DIAV के साथ इंफोसिस का समझौता हुआ है। इंफोसिस फाउंडेशन एक परोपकारी संस्थान है और आईटी कंपनी इंफोंसिस की कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (CSR) का हिस्सा है।
फाउंडेशन ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि इस मेमो के बाद देशभर में करीब 14 हजार शहीदों की पत्नियों और बच्चे को सुरक्षा मिलेगी। प्रेस रिलीज में ये बात भी कही गयी है कि इसकी सुविधा उन्हें दी जाएगी जो पहली से 12वीं कक्षा की स्कूली शिक्षा, ग्रैजुएशन, पोस्ट ग्रैजुएशन, प्रोफेशनल डिग्री और कंप्यूटर एजुकेशन के लिए स्कॉलरशिप चाहते हैं। फाउंडेशन के ट्रस्टी का कहना है कि “हमारी लंबे समय से रक्षा बलों के साथ साझेदारी रही है और इंफोसिस फाउंडेशन के दृष्टिकोण का मुख्य आधार ही शिक्षा रहा है। इस पहल से शहीदों की पत्नी और उनके बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलेगी ताकि वे अपना जीवन बेहतरी की तरफ ले जाएं।”
फाउंडेशन ने ये भी कहा कि इसके लिए DIAV के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया है। 2016 से, इसने सेना के पुनर्वास और कल्याण अनुभाग को 40 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी है, ताकि विधवाओं और शारीरिक दुर्घटना से प्रभावित कर्मियों के परिजनों को वित्तीय सहायता मिल सके।
साल 2016 में इंफोसिस के संस्थापकों में से एक एसडी शिबूलाल की अध्यक्षता वाले सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन (SDF) ने गृह मंत्रालय के साथ साझेदारी की थी जिसमें विद्या रक्षक छात्रवृत्ति की शुरुआत हुई थी। कार्यक्रम के पहले चरण में, आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से शहीद अर्धसैनिक बल के जवानों के 300 बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी थी। इनमें देश भर के बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स के शहीदों के बच्चों को लाभ मिला था। विद्या रक्षक स्कॉलरशिप को 12वीं कक्षा तक शिक्षा का समर्थन करने के लिए तैयार किया गया है। यह 6,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक दिया जाता है। शिबूलाल ने 1999 में एसडीएफ की शुरुआत छोटे पैमाने पर अलाप्पुझा से की थी।