Bastar weather: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मानसून की मूसलाधार बारिश ने पिछले 95 वर्षों की सबसे बड़ी त्रासदी खड़ी कर दी है। बारिश अब थम चुकी है, लेकिन बाढ़ के कारण हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। सड़कें बह गईं, पुल टूट गए और हजारों लोग बेघर हो गए।
सबसे ज्यादा असर दंतेवाड़ा जिले में
बारिश और बाढ़ का सबसे बड़ा असर दंतेवाड़ा जिले में देखने को मिला है। यहां अकेले करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया है। रिहायशी इलाकों में पानी भरने से लोगों को घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।
लोग राहत शिविरों में पहुंचे
भारी बारिश और बाढ़ के चलते बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिलों में लगभग 2000 लोग बेघर हो गए हैं। प्रशासन ने प्रभावितों के लिए राहत शिविर बनाए हैं जहां भोजन, कपड़े, सूखा राशन, शुद्ध पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
राज्य के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने बताया कि अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 96 मवेशियों की भी मौत हुई है। बाढ़ से अब तक 495 घर और 16 पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
1000 करोड़ का अनुमानित नुकसान
बस्तर संभाग के चार जिलों-बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर—में बाढ़ के कारण अब तक करीब 1000 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है। ओडिशा से संपर्क टूट चुका है और कई गाँव अभी भी जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं।
सरकार और प्रशासन की कोशिशें
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर पीड़ित परिवार तक तुरंत राहत सामग्री पहुंचाई जाए। सीएम ने कहा कि “लोगों को यह भरोसा होना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है।”
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों तक बस्तर संभाग के अलावा रायपुर और सरगुजा संभाग में भी भारी बारिश की संभावना है। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का खतरा भी बना हुआ है।
CM Vishnu Deo Sai की पहल से दंतेवाड़ा की पूनम को मिली नई राह!
छत्तीसगढ़ में 95 साल बाद बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है जो जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रहा है। बस्तर और दंतेवाड़ा समेत चार जिलों में तबाही का मंजर साफ दिख रहा है। अब लोगों की नजरें प्रशासन और राहत कार्यों पर टिकी हैं, ताकि इस आपदा से जल्द बाहर निकला जा सके।