Independence Day: राष्ट्रीय ध्वज का करें सम्मान, जानें क्या हैं इसके रखरखाव के तरीके!



राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारा सम्मान है। ये देश की आन,मान, शान और स्वाभिमान है। हर भारतीय के लिए इसका क्या महत्व है इसे बताना ज़रा मुश्किल है। ये देश के लिए दिए गए बलिदानों का एक प्रतीक है। इसके सम्मान के लिए अनगिनत लोगों ने हंसते-हंसते अपने प्राण गंवा दिए। लेकिन हर साल 15 अगस्त की दोपहर के बाद से कुछ जगहों पर तिरंगा सड़कों पर और कूड़ें में दिखाई देने लगता है। तिरंगा कोई खेलने की चीज या इस्तेमाल करने की चीज नहीं है। इसे फेंक दिया जाए। हमें खुद और बच्चों को भी तिरंगे का मतलब जानना चाहिए। ऐसे में आज जरूरत कि हम ये जानें कि तिरंगा कब, कौन और कहां-कहां फहरा सकते हैं। 

हमारा राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों की पट्टियों से बनाया गया है। जिसमें ऊपर से नीचे के क्रम में केसरिया, सफेद और हरा रंग दिखाई देता है। ध्वज के बीचों-बीच सफेद रंग की पट्टी में अशोक च्रक है। जिसमें 24 तीलियां हैं। जिसे सम्राट अशोक के शिलालेखों से लिया गया है। ये चक्र अशोक चक्र कहलाता है। तिरंगे में ये चक्र नीले रंग का होता है। इसमें 24 तीलियां होती हैं। 

तिरंगा कपास, उन या रेशमी खादी से बना होता है। इसके साथ ही पॉलिएस्टर से बना तिरंगा भी फहराया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति, संस्था, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और निजी-सरकारी संस्थान तिरंगा झंडा को सम्मान के साथ किसी भी दिन या किसी भी अवसर पर फहरा सकता है। 

तिरंगा किस समय फहरा सकते हैं?

कोई भी व्यक्ति, निजी ऑर्गनाइजेशन या इंस्टीट्यूट दिन या रात यानी 24 घंटे में कभी भी तिरंगा फहरा सकते हैं। 15 अगस्त को जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं। 

वही जब 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना कहते हैं।

झंडे को कभी भी जानबूझकर जमीन या फर्श को छूने और पानी में डूबने नहीं दिया जाना चाहिए। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के अनुसार, आप किसी भी दूसरे उद्देश्य से तिरंगे झंडे का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। 

किसी संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान

• फटा हुआ और मैला झंडा नहीं फहरा सकते। 

• झंडे का रंग फीका पड़ गया है तो इसे नहीं फहराना चाहिए।

• झंडे को कभी भी झुका कर नहीं रखना चाहिए। जहां तिरंगा फहराया जा रहा है, वहां यह सबसे ऊपर हो।

• जिस जगह तिरंगा झंडा फहराया जा रहा है, वहां इसके साथ कोई दूसरा झंडा इससे ऊपर नहीं हो। 

• जिस खंभे या बिल्डिंग पर झंडा लगा हो, उस पर किसी तरह का विज्ञापन नहीं हो। 

स्वतंत्रता दिवस पर झंडों की खूब खरीदी होती है। लेकिन 15 अगस्त का दिन बीतते ही लोग झंडे फेंक देते या ये कहीं पड़े नजर आते हैं। ये राष्ट्रीय ध्वज का अपमान होता है। 

तिरंगे का यूज करने के बाद या फट जाने के बाद 2 तरह से डिस्पोज कर सकते हैं।

• एक लकड़ी के बॉक्स में झंडे को सम्मान के साथ फोल्ड कर साफ जगह पर जमीन में इस बॉक्स को दफन कर दें। फिर उस जगह पर दो मिनट तक मौन रखकर खड़े रहें।

• साफ जगह पर लकड़ी जला लें और तिरंगे को तह करके सम्मान के साथ आग में डिस्पोज कर दें। बिना तह किए झंडे को जलाना कानूनी अपराध माना गया है। ध्यान रहे कि झंडे को तभी जला सकते हैं जब वह पूरी तरह से खराब यानी कट-फट गया हो। 

तिरंगे का सम्मान करना हर भारतीय के लिए सबसे अहम बात है इससे जुड़ी जानकारी का होना बेहद जरूरी है। हर व्यक्ति को इसकी जानकारी होनी चाहिए साथ ही नई जनरेशन को भी इससे अवगत करवाना चाहिए। 

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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