हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है मानसिक सेहत को प्राथमिकता देना: रिसर्च

पिछले एक दशक से लोग मेंटल फिटनेस को लेकर जागरूक हुए हैं। पहले की तुलना में लोग मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करने लगे हैं। लेकिन पहले ऐसा नहीं था, ज्यादातर लोग अपने मेंटल फिटनेस को लेकर बातचीत करना तो दूर बल्कि इस बारे में डॉक्टर की सलाह लेनी भी बड़ी बात लगती थी। कुछ सालों में ये मानसिकता बदली है। जहां एक्सपर्ट्स ये कहते हैं कि मेंटल हेल्थ, फिजिकल हेल्थ जितना ही जरूरी है।
इस बात को ‘नैशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टेटिस्टिक्स एंड द सेंसस ब्यूरो’ के एक रिसर्च में भी साबित किया गया है कि 18 से 39 की उम्र के बीच के अधिकतर लोग बेचैनी और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। इसी रिसर्च में ये बात भी कही गई है कि अगर हम अपने मेंटल हेल्थ का ख्याल रखते हैं तो बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं। इस शोध से जुड़े एक रिसर्चर के अनुसार जरूरी है कि हमें अपने मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना चाहिए और अपनी मानसिक सेहत में लगातार सुधार लाने के कुछ तरीकों के बारे में भी चर्चा की है जिसके कुछ अंश इस लेख के माध्यम से जान सकते हैं..

निकालें खुद के लिए समय

बिजी लाइफस्टाइल हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। आज के दौर में प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन बनाना सबसे जरूरी काम हो गया है। ऐसे में खुद के लिए समय निकालें। ऐसा कर हम खुद को बेहतर काम करने के लिए रिचार्ज कर सकते हैं। पसंद का काम करने से हमें एक तरह का बूस्टर मिलता है। अगर पढ़ने का शौक है, तो अपनी मनपसंद किताब को पढ़ना फायदेमंद हो सकता है। काम के बीच से कुछ देर का ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है।

कभी-कभी डिस्कनेक्ट होना भी जरूरी

मोबाइल पर उपलब्धता ने ‘ऑलवेज-ऑन’ कल्चर को काफी बढ़ावा दिया है। लेकिन ये हमारी लाइफ में कभी-कभी एक बैरियर की तरह होता है। प्रोफेशनल गोल हासिल करने के पीछे या ये देखने के लिए कि आगे क्या करना लोग वर्तमान में जीना भूल गए हैं। दिमाग के रिमाइंडर्स को बंद करें। कुछ देर के लिए अपना कंप्यूटर और फोन बंद कर दें और खुद को डिस्कनेक्ट करें। ये सबसे अच्छा तरीका होगा खुद से बात करने का।

टीम के साथ तालमेल बिठाएं

कामकाजी लोगों के लिए सबसे जरूरी है कि वो अपनी टीम के साथ अच्छे कम्यूनिकेशन रखें। इससे काम का बोझ तो कम होता है। टीम के अच्छे होने से लोग एक-दूसरों की जरूरतों को समझते हैं। अपनी टीम के साथ बात करें जरूरी है कि आपके साथ काम करने वाले लोग आपके मेंटल हेल्थ को समझें। किसी तरह की परेशानी से जूझने पर अपनी टीम से बात करें। बात नहीं करने से आपके काम पर असर दिखेगा जिससे आप अपना कॉन्फिडेंस लूस कर सकते हैं। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इससे उबरने के लिए खुलकर और पूरी ईमानदारी के साथ बात करना अच्छा होगा। वर्क लोड और मेंटल हेल्थ पर अपने मैनेजर या टीम से जरूर डिस्कस करें।

तैयार करें अपना सपोर्ट नेटवर्क

एकदम अकेले रहने से बचें। अकेलापन मेंटल हेल्थ को कमजोर कर सकता है। अगर ये लगने लगे कि बात करना जरूरी है तो जरूर बात करें। ऐसा तब होगा जब आपके पास अपना सपोर्ट और कंफर्ट ग्रुप होगा, इसे ही सपोर्ट नेटवर्क कहते हैं। आप कैसा महसूस कर रहे हैं उस पर खुलकर बात करें। कोई कमिटी या ग्रुप जॉइन करें। सोशल इवेंट्स में शामिल होना भी लाभदायक हो सकता है। मजबूत सपोर्ट नेटवर्क होने से मेंटल हेल्थ में सुधार होगा।


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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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