देश को कुपोषण को खत्म करने के लिए कई स्तर पर योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं से दूरस्थ क्षेत्रों तक भी जागरूकता फैलाई जा रही है कि लोगों को जागरूक करने के लिये हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के रूप में सेलीब्रेट किया जाता है। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह सामान्य रूप से लोगों को जरूरी संतुलित आहार के इस्तेमाल के लिए जागरूक करता है। चाइल्डहुड के दौरान उचित पोषण बच्चों को जीवन में बढ़ने, विकास करने, सीखने, खेलने, भाग लेने और समाज में योगदान करने के काबिल बनाता है।
आवश्यक संतुलित आहार को बढ़ावा
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह खासतौर पर इंसानी शरीर के लिए जरूरी संतुलित आहार को बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पोषण माह की योजनाओं को शेयर किया और कहा कि सरकार पोषण माह के दौरान पोषण के पांच पहलुओं के महत्व का संदेश हर घर तक पहुंचाकर अपनी पहुंच को दोगुना कर रही है। साथ ही स्वास्थ्य और पोषण भारत सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्र में समाहित हैं।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के बारे में
–हर साल खाद्य और पोषण बोर्ड देश के सभी चार क्षेत्रों में स्थित अपनी 43 सामुदायिक खाद्य और पोषण विस्तार यूनिट्स के जरिए राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के लिए एक थीम का चुनाव करता है।
– ये हमारी उपलब्धि है कि एनीमिया से पीड़ित बच्चों (6-59 महीने) का प्रतिशत 69.4 प्रतिशत से घटकर 58.6 प्रतिशत तक पहुंच गए हैं।
–8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को कुपोषण मुक्त बनाने की दृष्टि से राजस्थान के झुंझुनू से पोषण अभियान की शुरूआत की थी।
–एक अध्ययन के अनुसार यह माना जाता है कि सिर्फ 21 दिन आपकी अस्वास्थ्यकर आदतों को बदलने और आपको बेहतर संस्करण में बदलने के लिए काफी है।
इस योजना का संचालन नीति आयोग द्वारा किया जाता है।
0-6 वर्ष के आयु के बच्चों में थिननेस के 34.6 % को कम कर 25 % तक करना है।
ऐसी संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत खून की कमी और पोषण की कमी मे सुधार करने में विशेष योगदान दिया है।
आंगनबाड़ी के कर्मियों को इस योजना के तहत घर-घर जाकर सही जानकारी एकत्र करनी है, उसकी सूची बनाना, कुपोषण से अवगत कराना, जेसे कार्यो के लिए उन्हे प्रोत्साहन रूप 500 रुपए दिए जाएंगे।
इस मिशन के तहत जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं मे प्रति वर्ष कम से कम 2% की कमी लाना है। यानि की इसका मुख्य उद्देश्य छोटे बच्चों, महिलाओं और किशोरियों के कुपोषण को कम खत्म करना है।
संतुलित आहार का ध्यान रखना जरूरी
जरूरी पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन वाला संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू रूप से काम करने और विकास के लिए आवश्यक है। प्रत्येक मानव शरीर के आहार की एक अलग मांग होती है। लेकिन किसी को यह ध्यान में रखना होगा कि उनका आहार संतुलित है या नहीं मतलब है इसमें सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का शामिल होना।