दिल्ली के दिवान सिंह क्यों कहलाते हैं ‘जल प्रहरी’, भविष्य को बचाने अनोखी है उनकी मुहीम!

सूखे तालाब और झील किसी काम के नहीं होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। सूखे झील, तालाब और जल के सभी स्त्रोतों को पुनर्वजिवित किया जा सकता है। जैसे दिल्ली के दिवान सिंह कर रहे हैं। पेशे से पर्यावरणविद दिवान सिंह दिल्ली के द्वारका में परिवार के साथ रहते हैं। दिवान सिंह ने सेक्टर 23 द्वारका की चार झीलों को फिर से पहले जैसा कर दिया है। दरअसल उन्होंने झीलों को दोबारा ज़िन्दा करने में कुछ महीनों का समय लगाया लेकिन वे फिर से भर चुके हैं।

दिल्ली के जंगलों को बचा रहे हैं जल प्रहरी

2004 से ही पर्यावरण संरक्षण में लगे दिवान सिंह दिल्ली रिज फॉरेस्ट को बचाने के लिए ‘रिज बचाओ आंदोलन’ का हिस्सा बनें। उन्होंने दिल्ली रिज फॉरेस्ट एक जल संरक्षण और वॉटर रिचार्ज एरिया है. दिवान सिंह ने बताया, ‘रिज एरिया सेंट्रल दिल्ली से साउथ दिल्ली और हरियाणा तक है। इसे बचाने के लिए उन्होंने कई सालों तक लड़ाई लड़ी। फिर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की वजह से इसे बचाने में उनकी टीम कामयाब रही और आज वसंत विहार के अरावली बायोडाइवर्सिटी पार्क में 690 एकड़ ज़मीन संरक्षित हो चुकी है।

यमुना फ़्लडप्लेन्स को संरक्षित करने की पहल

2007 में सिंह ने यमुना फ़्लडप्लेन्स को बचाने की मुहीम छेड़ी थी इस दौरान यमुना फ़्लडप्लेन्स में काफ़ी कन्सट्रक्शन का काम चल रहा था, कॉमवेल्थ गेम्स इसकी वजह थी। दीवान सिंह के  ने बताया, ‘यमुना फ़्लडप्लेन्स में कई प्रोजेक्ट्स चल रहे थे। सितंबर 2008 में तेजिंदर खन्ना, तत्कालीन LG ने सभी कन्सट्रक्शन पर रोक लगाया और इसे कन्ज़र्वेशन ज़ोन और वॉटर रिचार्ज ज़ोन घोषित किया जिससे ये बच पाया। उन्होंने पानी बचाने और जल स्त्रोतों के संरक्षण में कई उल्लेखनीय कार्य किए जिसकी वजह से मार्च 2022 में दिवान सिंह को ‘जल प्रहरी’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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