केसर की खेती का नाम सुनते ही दिमाग में कश्मीर की वादियां चलने लगती है। कश्मीर की केसर खेती काफी पॉपुलर भी है। लेकिन क्या कोई ये सोच सकता है कि नोएडा में भी केसर उगाया जा सकता है। वो भी किसी जमीन में नहीं बल्कि किसी कमरे में। दरअसल नोएडा के एक किसान ने ऐसा किया है। 64 साल के रमेश गेरा केसर उगाते हैं, इससे न सिर्फ वे अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि खेती में इनोवेशन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
पेशे से इंजीनियर हैं रमेश
रमेश ने साल 1980 में NIT कुरुक्षेत्र से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पूरी की। उन्होंने कई मल्टीनेशनल कंपनीज में अपनी सेवाएं दी इस दौरान उन्होंने कई देशों का दौरा किया। रमेश कहते हैं कि साल 2002 में जब उन्होंने 6 महीनों के लिए साउथ कोरिया में काम किया तब उन्होंने वीकेंड पर घूमते समय हाइड्रोपोनिक फार्मिंग, माइक्रोग्रीन्स, पॉलीहाउस इंजीनियरिंग और सेफ्रॉन कल्टीवेशन जैसी एडवांस फार्मिंग तकनीक को देखा और सीखने की रूचि दिखाई। वे इससे काफी प्रभावित थे।
साउथ कोरिया में खेती की एडवांस तकनीकों के देखकर रमेश मन में आया कि वे भी भारत में ऐसा कुछ करें। उन्होंने अपने काम के साथ-साथ, 6 महीनों तक कोरिया में खेती की ये तकनीकें सीखीं और वापस आकर नोएडा के सेक्टर 63 में 100 स्क्वायर फिट के कमरे में केसर उगाने का पूरा सेटअप बनाया।
खर्च और फायदा
इस काम में करीब 4 लाख रुपए का खर्च आया। रमेश ने कश्मीर से 2 लाख रुपए के बीज मंगवाए। उन्होंने भारत में केसर की डिमांड पर रिसर्च कर पाया कि उसका सिर्फ 30% भाग ही कश्मीर से आता, बाकी 70% केसर ईरान से इंपोर्ट होता है। रमेश को लगा कि जो डिमांड और सप्लाई के बीच का गैप है, वही अपने आप में एक बहुत बड़ी मार्केट है।
केसर फार्मिंग में बहुत ज्यादा लोगों की ज़रूरत नहीं होती, कोई घर का सदस्य भी इस बिज़नेस को आराम से कर सकता है। रमेश कहते हैं कि इसमें बिजली के बिल के अलावा और कोई मंथली खर्च भी नहीं आता है। सिर्फ 4 महीने के लिए जब सिस्टम को स्विच ऑन रखते हैं, उस समय करीब 4 से 4.5 हज़ार रुपया महीना बिजली का बिल देना होगा। इसके बाद इसे स्विच ऑफ कर दिया जाता है।
महंगी होती है केसर
केसर बहुत ही अच्छे रेट पर बिकता है, अगर केसर होल सेल में बेचें तो बड़े आराम से ढाई लाख रुपया/kg पर इसे बेचा जा सकता है। रिटेल में अगर बेच सकें 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम के पैकेट्स में तो 3.50 लाख रुपये/kg और अगर एक्सपोर्ट करते हैं, तो 6 लाख रुपया/kg तक भी की कमाई की जा सकती है।
रमेश नोएडा में ही ‘आकर्षक सेफ्रॉन इंस्टीट्यूट’ नाम से ट्रेनिंग सेंटर भी चलाते हैं जहां वे ऐसे लोगों को ट्रेनिंग देते हैं जो खेती में नवाचार करना चाहते हैं। उन्होंने अब तक 105 लोगों को केसर उगाने की यह टेक्नीक सिखाई है।