Gyangudi Success: अबूझमाड़ के बच्चों ने रचा इतिहास!

Gyangudi Success: कभी नक्सलवाद के लिए पहचाने जाने वाले बस्तर और अबूझमाड़ अब शिक्षा की नई मिसाल बनते जा रहे हैं। बस्तर जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानगुड़ी निःशुल्क कोचिंग सेंटर से कोचिंग लेकर अबूझमाड़ जैसे दुर्गम इलाके के बच्चों ने कृषि प्रवेश परीक्षा (PAT) और अन्य कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम में शानदार प्रदर्शन कर दिखाया है कि अगर अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी बच्चा पीछे नहीं रहता।

सपनों को दिशा देने वाला मंच

ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर का मकसद है, गरीब, ग्रामीण और जरूरतमंद बच्चों को NEET, JEE, PAT, नर्सिंग जैसी परीक्षाओं के लिए मुफ्त तैयारी करवाना। यहाँ सरकारी शिक्षक पूरे साल समर्पण के साथ बच्चों को गाइड करते हैं। बिना फीस, बिना दिखावे सिर्फ मेहनत और विश्वास के दम पर।

बच्चों की सफलता

  • इस साल ज्ञानगुड़ी के 25 छात्रों ने PAT परीक्षा पास की।
  • इनमें से कई अब इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और राज्य के अन्य शासकीय कृषि कॉलेजों में पढ़ाई करेंगे।
  • अबूझमाड़ जैसे इलाकों से निकलकर इन बच्चों का यहाँ तक पहुँचना वाकई ऐतिहासिक उपलब्धि है।
  • छात्र भुवनेश्वर ने तो राज्य स्तर पर 11वीं रैंक लाकर सेंटर का नाम पूरे प्रदेश में रोशन कर दिया।

NEET में भी ज्ञानगुड़ी के बच्चों को सफलता

सिर्फ एग्रीकल्चर ही नहीं, NEET 2025 में ज्ञानगुड़ी के 67 बच्चों ने सफलता हासिल की है। यह दिखाता है कि यह कोचिंग सेंटर अब पूरे संभाग के बच्चों के लिए आशा की किरण बन चुका है।

प्रशासन का सहयोग

नारायणपुर जिले के विवेकानंद आश्रम के संतों और शिक्षकों ने इन बच्चों को बस्तर लाकर इस कोचिंग सेंटर से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं शिक्षा प्रेमी प्रशासनिक अफसरों, जैसे कि श्रीनिवास राव, मनीष श्रीवास्तव, संजीव बिस्वास, देवेश पाणिग्राही, और प्रभारी अलेक्जेंडर चेरियन ने दिन-रात मेहनत करके इस सपने को साकार किया।

अब तक 400 से ज्यादा बच्चों को सफलता

ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर से अब तक 400 से ज्यादा बच्चे मेडिकल, एग्रीकल्चर और टेक्निकल संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं। बस्तर कमिश्नर, जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ समय-समय पर खुद छात्रों को मोटिवेट करने आते हैं। उनकी इस मानवीय और प्रेरणादायक पहल ने बस्तर में शिक्षा की दिशा ही बदल दी है।

बस्तर का बदला हुआ चेहरा

ज्ञानगुड़ी न केवल कोचिंग सेंटर है, बल्कि यह एक परिवर्तन की कहानी है। जहाँ एक समय डर और हिंसा थी, वहाँ अब सपनों की उड़ान और सफलता की कहानियाँ लिखी जा रही हैं। इन बच्चों की यह उपलब्धि सिर्फ परीक्षा पास करना नहीं है, यह पूरे समाज को उम्मीद और प्रेरणा देने वाली कहानी है। बस्तर अब शिक्षा की भाषा में बोल रहा है, और ज्ञानगुड़ी उसका सबसे उजला अध्याय बन चुका है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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