पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से अहम है ये ईंट, क्रॉप वेस्ट से किया गया है तैयार!


MIT के एक युवा असिस्टेंट प्रोफेसर आकाश प्रियदर्शी के इनोवेशन ने फसल के वेस्ट को नया रूप दिया है। उन्होंने फसल से निकलने वाले वेस्ट के रियूज का तरीका निकाला है, को क्रॉप वेस्ट मैनेजमेंट का एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने क्रॉप वेस्ट से ईंट तैयार बनाया है। पर्यावरणविदों के मुताबिक ये काफी सराहनीय और इनोवेटिव काम है। उन्होंने धान से निकलने वाली भूसी से ईंट बनाया है।



कहां से मिली प्रेरणा?


आकाश कहते हैं कि धान की बची हुई भूसी को जलाकर उसका राख बनाया जाता है। इस राख में चूना मिलाकर वेस्ट मैनेजमेंट के तहत ईंट बनाई जाती है। आकाश प्रियदर्शी कहते हैं यह ईंट बाजार में मिलने वाली ट्रेडिशनल ईंट की तुलना में एकदम बराबर है। सस्टेनेबल ईंट सामान्य ईंट जितनी ही टिकाऊ है।
आकाश कहते हैं कि इसे बनाने के लिए सभी मापदंडों को देखा गया है। बनवाने के पहले इसके सभी स्ट्रैंथ को भी नापा गया है। इस ईंट को बनाने में इसकी मजबूती का पूरा ध्यान रखा है। आकाश कहते हैं इस ईंट को बनाने के लिए उन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा के छात्र से मदद ली है। 



पर्यावरण के लिए लाभदायक


आकाश कहते हैं कि आमतौर पर लोग धान की बची हुई भूसी को किसी दूसरे काम में इस्तेमाल नहीं करते हैं। ऐसे में यह भूसी बेवजह बर्बाद होती थी। धान की भूसी का इस्तेमाल कर ईंट तैयार करने से यह ईंट बेहद मजबूत होने के साथ-साथ घर बनाने के लिए भी उपयोगी है। आकाश प्रियदर्शी ने इस ईंट का पेटेंट भी करवाया है। आकाश का कहना है कि ये ईंट बेहद कारगर और मजबूत है। इसके इस्तेमाल से घर की मजबूती भी बरकरार होगी।


पेशे से सिविल इंजीनियर आकाश ने अपनी टीम के साथ इस ईंट की मजबूती को परखा है। इस ईंट को बनाने के लिए उन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी हरियाणा के विकास कुमार और एनआईटी जालंधर के छात्र रह चुके कुलदीप से सहायता ली है। आकाश का ये इनोवेशन काफी अट्रैक्टिव है। उन्होंने अपने इस काम से पर्यावरण के प्रति उन्होंने अपने समर्पण को दिखाया है।
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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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