केसर की खेती का नाम सुनते ही दिमाग में कश्मीर की वादियां चलने लगती है। कश्मीर की केसर खेती काफी पॉपुलर भी है। लेकिन क्या कोई ये सोच सकता है कि घर में भी केसर उगाया जा सकता है। वो भी किसी जमीन में नहीं बल्कि किसी कमरे में। दरअसल हाल ही में एक खबर आई थी जिसमें नोएडा के एक किसान ने घर पर ही केसर की खेती की। 64 साल के रमेश गेरा केसर उगाते हैं, इससे न सिर्फ वे अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि खेती में इनोवेशन को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
इस लेख के जरिए हम ये जानकारी दे रहे हैं कि केसर की खेती को कैसे आसानी से घर पर ही किया जा सकता है। इस तकनीक से किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए ठंडे जलवायु की जरूरत होती है, लेकिन इसकी फार्मिंग करने के लिए इसे एयरोपॉनिक्स तकनीक के जरिए तापमान कंट्रोल कर केसर की खेती की जा सकती है।
दुनियाभर में प्रसिद्ध है भारतीय केसर
भारत के कश्मीर में उगाए जाने वाले केसर की मांग दुनियाभर में है। ये करीब 3 से 3.5 लाख रुपये प्रति किलो के भाव में बिकता है। पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती जुलाई-अगस्त और मैदानी इलाकों में फरवरी-मार्च के मध्य की जाती है। इसके लिए दो माह में सिर्फ 1.5-2 किलो केसर का उत्पादन किया जाता है। भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को एरोपोनिक तकनीक के बारे में जानकारी दी है। इससे केसर की खेती घर पर ही की जा सकती है।
घर पर केसर उगाने के आसान तरीके
• एक खाली जगह में एरोपोनिक तकनीक का एक ढांचा बनाकर वहां हवा की व्यवस्था करनी होगी।
• तापमान दिन में 17 डिग्री सेल्सियस और रात में 10 डिग्री सेल्सियस रखी जायेगी।
• केसर की अच्छी पैदावार के लिए कमरे को 80–90 डिग्री ह्यूमिडिटी में रखना होगा।
• केसर की खेती के लिए रेतीली, चिकनी, बलुई या फिर दोमट मिट्टी की जरूरत होगी।
• एरोपोनिक ढांचे में मिट्टी को भुरभुरा बनाकर डाल लें। इसे इस प्रकार सेट करें कि पानी का जमाव बिल्कुल न हो पाए।
• नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और गोबर की खाद मिट्टी में मिलाकर केसर की अच्छी पैदावार सुनिश्चित करना होगा।
• यहां ध्यान रखने वाली बात है कि कमरे में सूरज की सीधी रोशनी न जाए, क्योंकि यह फसल की बढ़वार को रोकता है।
• आखिर में केसर की रेड गोल्ड फसल के बीज मिट्टी में डालना होगा।
• नियमित रूप से केसर के पौधों की सही देखभाल कर फसल पाएं।