हिमाचल से है संबंध
शिखा चौधरी का संबंध हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से है। वे एक सफल महिला किसान के साथ महिला कृषि-उद्यमी के तौर पर भी पहचानी जाती हैं। उन्होंने KVK की मदद से खाद्य उत्पादों के विपणन की जानकारी हासिल की और वर्तमान समय में अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। इसके अलावा ये एक महिला स्वयं सहायता समूह को भी लीड कर रही हैं। शुरुआती समय में इन पर काफी जिम्मेदारी थीं, वहीं जब कहीं भी नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की।
बना रही हैं कई उत्पाद
शिखा के परिवार के पास 10 कनाल जमीन थी, जहां वे गेहूं, धान और सब्जियों की खेती करती हैं। इसके साथ ही शिखा ओएस्टर मशरूम की खेती और विपणन का भी काम कर रही हैं। साल 2016 में केवीके की तरफ से आयोजित व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में वैज्ञानिक प्रसंस्करण के साथ खाद्य विपणन उत्पादों के विभिन्न पहलुओं के बारे में उन्हें जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने अपने समूह के विभिन्न उत्पाद बनाए। जिनमें आम पाउडर, त्रिफला चूर्ण, सिवई, सीरा, सेपुबादी, दलिया, अचार जैसे उत्पाद शामिल हैं।
युवाओं को दे रही हैं रोजगार
साल 2017-18 की तुलना में अब उनका समूह अच्छा लाभ कमा रहा है। फिलहाल उनके समूह ने 1 लाख 38 हजार रुपये की अतिरिक्त मुनाफा कमाया है। इसके माध्यम से शिखा चौधरी ने दूसरे बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार दिया है। शिखा ने ऐसे समय में काम किया जब संभावनाओं के रास्ते दिखाई तक नहीं दे रहे थे। आज उन्होंने अपनी मेहनत से अपने साथ-साथ अपने गांव की भी तस्वीर बदली है।