Rukmani Nag farmer story: उद्यानिकी से बदली रुख्मणी की जिंदगी!

Rukmani Nag farmer story: नारायणपुर जिले के छोटे से गांव एड़का की रूकमणी नाग की कहानी उन हजारों किसानों के लिए प्रेरणा है जो पारंपरिक खेती के दायरे में सीमित रह जाते हैं। कभी सिर्फ धान की खेती से घर चलाने वाली रूकमणी ने जब उद्यानिकी फसलों की ओर कदम बढ़ाया, तो न सिर्फ उनकी कमाई दोगुनी हो गई, बल्कि पूरे गांव में खेती को देखने का नजरिया भी बदल गया।

हिम्मत और सही जानकारी का साथ

रूकमणी कहती हैं – “अगर हिम्मत और सही जानकारी हो तो किसान हर हाल में अपनी किस्मत बदल सकता है।

उनकी बात में दम है। पहले जहां वो सिर्फ धान पर निर्भर थीं, आज वो टमाटर, करेला और मिर्च की उन्नत खेती से हर सीजन में 70 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई कर रही हैं।

सरकारी योजनाओं का सही फायदा

  • खेती में बदलाव तब शुरू हुआ जब उन्हें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और उद्यानिकी विभाग की योजनाओं की जानकारी मिली।
  • उन्होंने सिर्फ जानकारी तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे ज़मीन पर उतार कर दिखाया।
  • विभागीय मार्गदर्शन और खुद की मेहनत से उन्होंने खेती की नई राह पकड़ ली।

बदलती सोच, बढ़ती कमाई

रूकमणी अब केवल किसान नहीं, बल्कि एक मॉडल फार्मर बन चुकी हैं। उनके खेतों में टपक सिंचाई से लेकर पौधों की देखरेख तक हर चीज़ में नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। पहले जहां कम उपज और ज्यादा खर्च से मुश्किलें थीं, अब बेहतर उत्पादन और सीजनल इनकम से घर में आर्थिक स्थिरता आ गई है।

गांव के अन्य किसान हुए प्रेरित

रूकमणी की सफलता को देखकर ग्राम एड़का के अन्य किसान भी अब उद्यानिकी की तरफ बढ़ रहे हैं। इससे न सिर्फ गांव में कृषि विविधता आई है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के भी नए रास्ते खुले हैं।

महिला किसान की सशक्त पहचान

  • रूकमणी नाग जैसे उदाहरण यह दिखाते हैं कि महिलाएं भी कृषि क्षेत्र में बदलाव की अगुवा बन सकती हैं।
  • उनकी मेहनत, सोच और योजनाओं के प्रति जागरूकता ने उन्हें एक रोल मॉडल बना दिया है।
  • साथ ही यह उदाहरण इस बात को भी मजबूत करता है कि अगर योजनाओं का सही लाभ मिले, तो गांवों की तस्वीर और तक़दीर दोनों बदली जा सकती हैं।

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सरकारी मदद से पाया मुकाम

जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग की मदद से रूकमणी ने न सिर्फ खुद की आर्थिक स्थिति को सुधारा है, बल्कि एक उदाहरण भी पेश किया है। ये कहानी यह बताती है कि अगर सरकार की योजनाएं ज़मीनी स्तर पर पहुंचें और किसान उन्हें अपनाएं, तो देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताक़त मिल सकती है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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