India-US relations: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई दिशा देखने को मिली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करना और उन्हें पहली पंक्ति में स्थान देना, दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक संबंधों का स्पष्ट संकेत है।
ट्रंप के शपथ ग्रहण में भारत का प्रतिनिधित्व
अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस मौके पर जयशंकर को मंच के ठीक सामने पहली पंक्ति में स्थान दिया गया। यह घटना भारत के वैश्विक कद में वृद्धि और अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों का प्रतीक बनी। जयशंकर ने इसे “भारत के लिए गर्व का क्षण” बताते हुए समारोह की तस्वीरें साझा कीं।
क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक और द्विपक्षीय वार्ता
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हिस्सा लिया। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत के विदेश मंत्री जयशंकर के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक ने दोनों देशों के बीच आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग को और गहराई दी।
नए अमेरिकी NSA के साथ बैठक
भारत और अमेरिका के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) माइक वाल्ज के साथ बैठक की। यह माइक वाल्ज की पदभार ग्रहण करने के बाद पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक थी। इस बैठक में वैश्विक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग पर चर्चा हुई।
भारत के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करना
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत के साथ आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और अनियमित आव्रजन जैसे मुद्दों का समाधान करने की दिशा में कार्यरत है। यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों को प्राथमिकता देने की नई अमेरिकी नीति को दर्शाता है।
भारत दौरे की संभावनाएं
डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही भारत दौरे पर आ सकते हैं, जिससे दोनों देशों के संबंधों में और मजबूती आ सकती है। साथ ही, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्हाइट हाउस आने का आमंत्रण भी चर्चा में है।
Positive सार
डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दी है। दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग ने यह साबित किया है कि भारत-अमेरिका संबंध वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।