Niyad Nella Naar Yojna: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बैंकिंग सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। मुख्य शहरों से दूर बसे गांवों में बैंकों की दूरी और नेटवर्क की कमी के कारण ग्रामीणों को अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। लेकिन “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत जिला प्रशासन और एनआरएलएम बिहान के स्व-सहायता समूह की बीसी सखियों ने इस समस्या का समाधान किया है।
ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा घर पर ही
नियद नेल्ला नार योजना के तहत सुकमा जिले के चिन्हित गांवों में बीसी सखियां (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी) ग्रामीणों को उनके घरों पर बैंकिंग सुविधा प्रदान कर रही हैं। ये सखियां शिविर लगाकर और घर-घर जाकर न केवल बैंक खाते खुलवाती हैं, बल्कि नकद लेन-देन, जमा, और भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराती हैं।
ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों बचा
ग्रामीणों को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। वे अपने घरों में ही बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत हो रही है।
महिलाओं को आत्मनिर्भरता
बीसी सखियों को इस कार्य के माध्यम से आमदनी का स्रोत मिला है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ रही हैं।
नेटवर्क की पहुंच ने बढ़ाई सुविधा
योजना के तहत जिन गांवों में पहले नेटवर्क की समस्या थी, वहां नेटवर्क की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। आधार इनेबल मशीनों के माध्यम से बीसी सखियां हितग्राहियों को उनके बैंक खातों से नकदी निकालने और अन्य बैंकिंग सेवाओं का लाभ दे रही हैं।
आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (AEPS)
ग्रामीण अब बिना एटीएम कार्ड या बैंक शाखा में जाए, केवल आधार नंबर और फिंगरप्रिंट से पैसे निकाल सकते हैं।
जनधन खाते की सुविधा
बीसी सखियां गांव में लोगों के जनधन खाते खोल रही हैं, जिससे वे सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर रहे हैं।
दिसंबर 2024: 67 हज़ार का लेन-देन
दिसंबर के महीने में 6 बीसी सखियों ने सिलगेर, एलमागुंडा, दुलेड़, परिया, दुब्बामरका और सामसट्टी गांवों में 106 ग्रामीणों को 67,000 रुपये का भुगतान किया। ग्रामीणों के लिए 100 से 500 रुपये तक की राशि घर बैठे प्राप्त करना एक बड़ी सुविधा साबित हो रही है।
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ग्रामीणों की खुशी और योजना का महत्व
ग्रामीणों ने घर-घर पहुंची इस बैंकिंग सुविधा को बड़ी राहत बताया है। अब उन्हें पैसे निकालने के लिए शहर या बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। योजना के तहत दी गई यह सुविधा न केवल आर्थिक लेन-देन को सुगम बना रही है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण का नया अध्याय जोड़ रही है।