Aspirational Districts: आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में विकास की तस्वीर तेजी से बदल रही है। कभी माओवादी हिंसा से प्रभावित इस जिले में अब विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। इस दिशा में केन्द्रीय राज्य मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अनुप्रिया पटेल के दौरे ने कई अहम पहलुओं पर रोशनी डाली।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम
जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) देश के सबसे पिछड़े 112 जिलों के सर्वांगीण विकास का खाका तैयार करता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन जिलों को प्रभावी योजनाओं और संसाधनों के जरिए राज्य और देश के सर्वश्रेष्ठ जिलों में बदलना है।
कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है। इन क्षेत्रों में 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर जिलों की प्रगति का आंकलन किया जाता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे 10 आकांक्षी जिले हैं, जिनमें बीजापुर भी शामिल है।
बीजापुर में विकास की गति
बीजापुर में हाल के वर्षों में विकास की रफ्तार ने एक नई दिशा पकड़ी है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बीजापुर के दौरे पर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का जमीनी स्तर पर मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन से बीजापुर अब विकास की ओर बढ़ रहा है। महत्वपूर्ण योजनाओं का प्रभाव इनमें देखा जा सकता है
1. वयो श्री योजना
बुजुर्गों के जीवन को सरल बनाने के उद्देश्य से इस योजना के तहत डिवाइस वितरण किया जा रहा है। पटेल ने निर्देश दिया कि इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
2. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
स्वास्थ्य के क्षेत्र में संस्थागत प्रसव में वृद्धि, गर्भवती माताओं की जांच और टीकाकरण जैसी सेवाएं प्राथमिकता में हैं। इसके साथ ही टीबी और एनिमिया के मरीजों को पोषण आहार प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
3. शिक्षा और कौशल विकास
जिले में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्रों के संचालन से युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सेन्ट्रल लाइब्रेरी का नवनिर्माण छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद कर रहा है। इस लाइब्रेरी को एक आधुनिक शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।
4. कृषि और पशुपालन
कृषि उत्पादक संगठनों को सक्रिय करने और पशुओं के टीकाकरण जैसे प्रयासों से ग्रामीण जीवन को सुधारने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
नवाचार और बुनियादी ढांचे का विकास
बीजापुर में कई अभिनव पहल की गई हैं, जिनमें स्कूल वेंडे वर्राट पंडूम और नियद नेल्लानार योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में बस सेवाओं का विकास और सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बदलाव की बयार
बीजापुर में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना के बाद से नागरिक सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति और नक्सल ऑपरेशन के तहत जिले में शांति बहाल करने की दिशा में सार्थक प्रयास किए गए हैं।
सेन्ट्रल लाइब्रेरी की अनोखी पहल
नवनिर्मित सेन्ट्रल लाइब्रेरी का निरीक्षण करते हुए श्रीमती पटेल ने इसे युवाओं के लिए प्रेरणादायक स्थान बताया। इस लाइब्रेरी को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। यहां वीआर सेट, अत्याधुनिक कंप्यूटर, टेलीस्कोप और माइंड गेम्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम का महत्व
यह कार्यक्रम न केवल विकास कार्यों का खाका तैयार करता है, बल्कि जिलों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देता है। बीजापुर जैसे माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में यह कार्यक्रम नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।
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Positive सार
बीजापुर आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत विकास की ओर तेजी से अग्रसर है। केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के दौरे ने जिले के विकास में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और रोजगार के क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों से यह जिला अब पिछड़ेपन से उभरकर एक नई पहचान बना रहा है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन से बीजापुर न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है।