Sanjay Malhotra: संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर नियुक्त किए गए हैं। वह शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। 11 दिसंबर से आरबीआई की बागडोर संभालने वाले मल्होत्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा नौकरशाहों में गिने जाते हैं। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा।
कौन हैं संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री हासिल की है। अपने तीन दशक के करियर में मल्होत्रा ने पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सेवाएं दी हैं। वह REC लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं।
सरकार की पसंद क्यों बने संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा के पास वित्तीय मामलों को संभालने का व्यापक अनुभव है। उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के तौर पर सेवाएं दीं और अक्टूबर 2022 में रेवेन्यू सेक्रेटरी नियुक्त हुए। उनके नेतृत्व में बजट 2024 की तैयारी में भी अहम भूमिका रही। उनके काम करने के प्रभावशाली तरीके को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहते हैं। यह अनुभव उन्हें आरबीआई गवर्नर के पद के लिए उपयुक्त बनाता है।
RBI की चुनौतियां और मल्होत्रा की भूमिका
संजय मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई गवर्नर बन रहे हैं, जब भारतीय अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से गुजर रही है,
- घटती जीडीपी ग्रोथ: भारत की जीडीपी ग्रोथ सितंबर तिमाही में 5.4% के सात-तिमाही के निचले स्तर पर है।
- महंगाई का दबाव: खुदरा महंगाई लगातार बढ़ रही है, जिससे आम जनता और सरकार दोनों चिंतित हैं।
- रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है, जिससे आयात महंगा हो रहा है।
- ब्याज दरों में कटौती की मांग: आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती का दबाव है।
- इन चुनौतियों के बीच, आरबीआई की नीतियां देश की आर्थिक स्थिरता और विकास में अहम भूमिका निभाएंगी।
संजय मल्होत्रा की खासियत
संजय मल्होत्रा ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों स्तरों पर फाइनेंस और टैक्सेशन के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की है। उनके पास सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का अनुभव भी है, जो आरबीआई के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। मल्होत्रा की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है, जब भारत को आर्थिक स्थिरता और नीतिगत सुधारों की अत्यधिक आवश्यकता है। उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह इन समस्याओं का समाधान निकालने में प्रभावी भूमिका निभाएंगे।
आरबीआई का नया युग
संजय मल्होत्रा का आरबीआई गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालना एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि सरकार ऐसे अनुभवी और योग्य अधिकारियों को चुन रही है, जो मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकें। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियों को किस दिशा में ले जाते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में कितना योगदान देते हैं।

