Sampriya Pooja Nishad: छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद ने प्रदेश का नाम रोशन किया है। समप्रिया को भारत सरकरा ने “उस्ताद बिस्मिल्लाह खान अवॉर्ड” से सम्मानित किया है। यह सम्मान समप्रिया को दिल्ली में हुए एक समारोह में 22 नवंबर को दिया गया। उन्हें संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के हाथों यह नेशनल अवॉर्ड मिला।
बचपन से था गायन का शौक
समप्रिया पूजा निषाद भिलाई के जामुल की रहने वाली है। उन्हे बचपन से ही लोक वादन और लोक गायन में रुचि थी। उन्होंने बचपन से ही तंबूरा बचाना सीख लिया था। घर में उनके बड़े बुजुर्ग भी तंबूरा बजाते थे वहीं से पूजा ने भी तंबूरे के गुर सीखे। खास बात यह है कि समप्रिया वेदमति और कपालिक दोनों शैलियों में पंडवानी का गायन कर लेती हैं।
तीजन बाई से मिली थी तारीफ
पूजा को शुरु से ही पंडवानी गायन में रुची रही उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्टीय मंच पर पंडवानी की प्रस्तुति दी है। लेकिन एक कार्यक्रम में तीजन बाई से मिली वाहवाही ने समप्रिया पूजा की पंडवानी के प्रति समर्पण को और बढ़ावा दिया। यह अवॉर्ड अब पंडवानी कलाकार पूनाराम निषाद और तीजन बाई को मिला है, समप्रिया तीसरी कलाकार होंगी जिन्हें उस्तात बिस्मिल्लाह खान अवॉर्ड दिया जा रहा है। आपको बता दें पूनाराम निषाद समप्रियापूजा निषाद के ससुर हैं।
विदेशों में भी दे चुकीं हैं प्रस्तुति
आपको बता दें समप्रिया पूजा ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्की पूरे विदेशों में भी पंडवानी का प्रदर्शन कर चुकी हैं। उन्होंने इग्लैंड, अफ्रिका, फ्रांस और जापान जैसे कई देशों में पंडवानी गायन किया है। उन्होंने अपने ससुर पूनाराम निषाद से पंडवानी के कई गुर सीखे। 2009 से ही वो पूनाराम निषाद के साथ पंडवानी गायन की प्रस्तुति देने जाया करती थीं।