Kedrarnath Dham: केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में एक सबसे महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है। यहां बाबा केदारनाथ का पट 6 महीनों के लिए खुलता है और 6 महीने बंद रहता है। इन 6 महीनों में बाबा केदारनाथ अपने स्थान से उठकर दूसरे स्थान पर दर्शन देते हैं। आइए जानते हैं किस दिन केदारनाथ धाम के पट खोले जाते हैं और किस दिन बंद होते हैं। स्थान बदलने के पीछे क्या कारण है।
भाई दूज को क्यों बंद होते हैं कपाट?
दरअसल केदारनाथ धाम काफी ऊंचे स्थान पर स्थापित है। ठंड के दिनों में यहां ठंड काफी बढ़ जाती है। मंदिर चारों तरफ से बर्फ की मोटी परत से ढंक जाता है। माना जाता है भाई दूज के बाद ठंड का मौसम शुरु हो जाता है। ठंड में दर्शन के लिए चढ़ाई भी मुश्किल हो जाती है। इस वजह से ठंड तेज होने से पहले ही बाबा के विग्रह का स्थान बदल दिया जाता है। पट बंद होने से पहले पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। ढोल नंगाड़ों के साथ बाबा का पट बंद किया जाता है।
6 महीने कहां रहता है विग्रह?
अगले 6 महीने के लिए बाबा केदारनाथ उखीमठ में दर्शन देते हैं। उखीमठ पंचकेदार में प्रमुख माना जाता है। सर्दियों में केदारनाथ उखीमठ में विराजते हैं। भाई दूज के दिन जब पट बंद किए जाते हैं तब बाबा के विग्रह को ढोल नंगाड़ों के साथ पालकी में बैठाकर उखीमठ ले जाया जाता है। उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में 6 महीने बाबा की सेवा और पूजा, आराधना होती है।
कब खोले जाते हैं केदारनाथ के कपाट?
हर साल उखीमठ के मुख्य पुजारी मंदिर के कपाट खोलो जातने की तीथि तय की जाती है। हर साल महाशिवरात्री के दिन कपाट खोले जाने की तारीख तय की जाती है। यह तिथी अक्षय तृतीया के दिन की होती है। अप्रैल या मई में पड़ने वाली अक्षय तृतीया के दिन केदारनाथ के कपाट पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ के बाद खोले जाते हैं। कपाट खुलने के 2 से 3 दिन पहले ही उखी मठ से बाबा के पंचमुखी विग्रह की सवारी निकाली जाती है और तय तिथी तर सवारी केदारनाथ धाम तक पहुंचती है। इसके बाद 6 महीने बाबा यहीं पर भक्तों को दर्शन देते हैं।