By Election: वो कौन-कौन सी परिस्थितियां है जब आयोजित होते हैं उपचुनाव?

By Election: छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव समेत कई राज्यों में उपचुनाव (By election) होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव तो हर 5 साल में आयोजित किए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है उपचुनाव क्यों और किन कंडिशन्स में कराए जाते हैं। आइए जानते हैं उपचुनाव को लेकर देश में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं। (raipur south assembly constituency)

क्या होता है उपचुनाव?

दरअसल उपचुनाव (by election)होने की कोई तय डेट नहीं होती है। यह चुनाव (general election) मुख्य चुनावों के बीच में कभी भी हो सकते हैं। कुछ खास परिस्तिथियों की वजह से वेकेंड हुए पदों को भरने के लिए उपचुनावों का आयोजन होता है। अगर किसी कारण से किसी विधायक या सांसद का पद खाली हो जाता है  तो उस पद को भरने के लिए अगले चुनाव का इंतजार नहीं किया जाता है। चाहे वो पद कितने भी कम समय के लिए क्यों ना खाली हो उसे उपचुनाव करके फील किया जाता है।

किन परिस्थितियों में होता है उपचुनाव?

दरअसल उपचुनाव मुख्य चुनाव के बाद होने वाला चुनाव होता है। चुनाव आयोग उप चुनाव तब आयोजित करता है जब मुख्य चुनाव (general election)में चुने गए प्रत्याशी की मृत्यु हो जाए, वो अपने पद से इस्तीफा देदे या चुना गया प्रत्याशी अपने पद पर बने रहने के लिए अयोग्य साबित हो जाए। उपचुनाव होने के और भी कई कारण हो सकते हैं जो इस तरह हैं-

  1. 5 साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले MP या MLA या किसी भी राजनीतिक पद पर चुने गए शख्स की मृत्यु होने पर।
  2. अगर सांसद, विधायक जैसे पदों पर बैठा हुआ व्यक्ति  5 साल से पहले अपने पद से इस्तीफा देदे।
  3. अगर कोई विधायक लोकसभा चुनाव भी जीत जाता है तो उसे विधायक का पद छोड़ना पड़ता है, ऐसे में उस विधानसभा सीट पर उपचुनाव होता है।
  4. अगर इलेक्शन कमीशन किसी पद पर चुनने गए सदस्य की अयोग्यता को लेकर भारत के राष्ट्रपति के पास रिकमेंडेशन दे देता है।
  5. अगर चुने गए प्रत्याशी के बारे में पता चले की वह किसी लाभ के पद पर है तब।
  6. अगर पद पर बैठा सदस्य पार्टी से इस्तीफा देकर दूसरी पार्टी जॉइन कर ले तब।

क्या उपचुनाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं ?

हालांकी उपचुनाव सिर्फ उसी सीट पर होता है जहां कोई पद खाली हुआ हो। लेकिन उपचुनाव के लिए भी उन सभी प्रोसेस से गुजरना होता है जो (general election) आम चुनाव में होता है। उतना ही पैसा और प्रशासनिक अमला लगता है जो आम चुनावों में लगता है। किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए एक-एक सीट मायने रखती है, ऐसे में उपचुनाव मे अगर पहले वाली पार्टी के अलावा दूसरी पार्टी का प्रत्याशी चुन लिया जाए तो उस क्षेत्र का पूरा राजनीतिक समीकरण बदल जात है।

भारत एक लोकतंत्र है यहां चुनाव छोटा हो या बड़ा पूरे देश की राजनीति को प्रभावित करता है। इसलिए उपचुनाव को भी उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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