Education: पहाड़ी कोरवा की छतकुंवर की शिक्षिका बनने की कहानी!

Education: छत्तीसगढ़ की पहाड़ी कोरवा जनजाति से ताल्लुक रखने वाली छतकुंवर ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। विशेष पिछड़ी जनजाति से होने के बावजूद, उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर और कंप्यूटर में डिप्लोमा करके एक सहायक शिक्षिका के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इस प्रेरणादायक यात्रा का श्रेय मुख्यमंत्री श्विष्णु देव साय और तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद को जाता है, जिन्होंने उन्हें शिक्षा और आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।

शिक्षा की ओर पहला कदम

छतकुंवर की यात्रा की शुरुआत कोरबा ब्लॉक के आंछीमार गांव से हुई। कलेक्टर पी. दयानंद के दौरे के दौरान, उन्होंने छतकुंवर को उनके उत्कृष्ट शिक्षण पोटेंशियल को पहचानते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। कलेक्टर की प्रेरणा से छतकुंवर ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और पोस्ट ग्रेजुएशन तक पहुंची।

शिक्षिका के रूप में कार्य

आज, छतकुंवर करतला ब्लॉक के शासकीय माध्यमिक शाला नोनबिर्रा में सहायक शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी नौकरी के माध्यम से पहाड़ी कोरवा समाज को शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक नई राह दिखाई है। उनका कहना है कि इस अवसर ने उनके समुदाय को शिक्षा की ओर प्रेरित किया है और कई लोग अब स्कूल जाने लगे हैं।

सामाजिक और आर्थिक बदलाव

छतकुंवर का मानना है कि उनके समाज में शिक्षा की कमी के कारण पिछड़ेपन की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि शिक्षा के माध्यम से उन्होंने अपनी जिंदगी को बदलने के साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरित किया है। आज, उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और उनके पति की भी भृत्य के पद पर नौकरी लग गई है।

समाज के लिए प्रेरणा

छतकुंवर का कहना है कि पहाड़ी कोरवा समाज को आगे बढ़ाने और अन्य समाजों के साथ मुख्यधारा में लाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने शासन-प्रशासन का धन्यवाद किया है कि उन्होंने उन्हें नौकरी देकर समाज के विकास में योगदान दिया है। उनकी प्रेरणा से, अब समाज के अन्य लोग भी शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं और एक सामान्य जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

READ MORE Career opportunities in medical: नौकरी के कई अवसर हैं यहां!

Positive सार

छतकुंवर की कहानी हमें यह सिखाती है कि शिक्षा और प्रेरणा से कैसे एक व्यक्ति और समाज की दिशा बदल सकती है। पहाड़ी कोरवा जनजाति की इस शिक्षिका ने अपनी मेहनत और कलेक्टर की प्रेरणा से समाज को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। यह कहानी एक उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक है, जिसमें शिक्षा और सशक्तिकरण से समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *