Wankhede Stadium: टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम का शानदार स्वागत हुआ। इसके बाद टीम इंडिया विजय जुलूस (Team India Victory Open-Top Bus Parade) निकालकर सीधे वानखेड़े स्टेडियम पहुंचे। वानखेड़े स्टेडियम में दिखाई देने वाला नीला समंदर जितना खास है उतना ही खास है इस स्टेडियम का इतिहास जहां भारतीय टीम टी-20 वर्ल्ड कप के बाद हर भारतीय का प्रेम पाया। वानखेड़े स्टेडियम सिर्फ एक खेल का मैदान नहीं बल्कि हमारी खेल धरोहर भी है। जानते हैं इसका इतिहास और इसका महत्व..
वानखेड़े स्टेडियम
वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित एक प्रमुख क्रिकेट स्टेडियम है। इसकी स्थापना 1974 में हुई थी और इसका नाम तत्कालीन मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.के. वानखेड़े के नाम पर रखा गया। ये स्टेडियम भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और यहां कई ऐतिहासिक मैच खेले गए हैं।
स्टेडियम का इतिहास
वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) की स्थापना का प्रमुख कारण ब्रेबॉर्न स्टेडियम की सीमित क्षमता और वहां उपलब्ध सुविधाओं की कमी थी। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने एक नया और आधुनिक स्टेडियम बनाने का निर्णय लिया जो अधिक दर्शकों को एक साथ एक जगह पर ला सके। एस.के. वानखेड़े की अगुवाई में, इस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाया गया और सिर्फ 6 महीनों में यह स्टेडियम तैयार हो गया।
वानखेड़े में पहला मैच
पहला टेस्ट मैच यहां 23 जनवरी 1975 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। इस मैच में कई रिकॉर्ड बने और यह स्टेडियम तुरंत ही क्रिकेट प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हो गया। वानखेड़े स्टेडियम में आयोजित पहले टेस्ट मैच में क्लाइव लॉयड ने दोहरा शतक बनाया था, जो आज भी याद किया जाता है।
वानखेड़े स्टेडियम ने कई महत्वपूर्ण क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है जिनमें…
- 1987, 1996 और 2011 के क्रिकेट विश्व कप
- इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के कई मैच यहां खेले गए हैं। मुंबई इंडियंस का यह होम ग्राउंड भी है।
- वानखेड़े स्टेडियम रणजी ट्रॉफी के कई मैचों की मेजबानी करता है और मुंबई की घरेलू टीम का यह मुख्य ग्राउंड है।
सुविधाएं
वानखेड़े स्टेडियम की प्रारंभिक संरचना में 45,000 दर्शकों की बैठने की क्षमता थी। इसे मुंबई के डिजाइनर शशि प्रभु ने डिजाइन किया था। स्टेडियम में तीन मुख्य स्टैंड थे – वाई.डी. पाटिल स्टैंड, विजय मर्चेंट स्टैंड, और सुनील गावस्कर स्टैंड। बाद में, स्टेडियम को विभिन्न समयों पर पुनर्निर्मित किया गया ताकि दर्शकों के लिए सुविधाओं में सुधार हो सके।
पुनर्निर्माण और आधुनिकता
2008 में, 2011 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए वानखेड़े स्टेडियम को पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया गया। इस पुनर्निर्माण का उद्देश्य स्टेडियम की सुविधाओं को आधुनिक बनाना और दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाना था। नए डिजाइन में दर्शक क्षमता को लगभग 33,000 तक कम किया गया ताकि अधिक आरामदायक सीटिंग व्यवस्था हो सके।
- आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम से बारिश के बाद मैदान को तेजी से खेल के लिए तैयार किया जा सकता है।
- रात के मैचों के लिए अत्याधुनिक फ्लडलाइट्स लगाई गईं।
- खिलाड़ियों के लिए आरामदायक और आधुनिक ड्रेसिंग रूम बनाए गए।
- स्टेडियम में सुरक्षा और दर्शकों की सुविधा के लिए कई सुधार किए गए।
सांस्कृतिक महत्व
वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) केवल एक खेल स्थल नहीं है, बल्कि यह मुंबई और भारत की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। यह स्थान भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक तीर्थस्थल के समान है जहां कई ऐतिहासिक क्षण घटित हुए हैं। यहां हर मैच एक नया इतिहास रचता है और क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बनाता है।
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Positive सार
वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके इतिहास और वर्तमान स्वरूप ने इसे विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियमों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। यहां खेला जाने वाला हर मैच न केवल खिलाड़ियों बल्कि दर्शकों के लिए भी एक यादगार अनुभव बन जाता है। वानखेड़े स्टेडियम वास्तव में भारतीय क्रिकेट का गौरव है और आगे भी रहेगा।