Rare disease funds raise: आपने अक्सर सोशल मीडिया पर हेल्थ के लिए फंड रेज का कैंपेन जरूर देखा होगा। इसमें बच्चों के रेयर बीमारी यानी कि दुर्लभ बीमारी के इलाज की बात होती है। हाल में एक खबर आपने जरूर पढ़ी होगी जिसमें एक दुर्लभ बीमारी वाले बच्चे को 18 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगाया गया। तो आपके दिमाग में ये बात जरूर आ रही होगी कि क्या है ये दुर्लभ बीमारी और इसके इलाज के पैसे फंड रेज कर कैसे इकट्ठा किया जाता होगा।
पहले जानते हैं क्या है दुर्लभ बीमारी?
Rare disease funds raise के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि दुर्लभ बीमारी क्या होती है। ये आमतौर पर ऐसी जन्मजात बीमारी होती है बच्चों में ज्यादातर पाई जाती है। फिलहाल नेशनल पॉलिसी फॉर रेयर डिजीज 2021 के अनुसार भारत में कितनी दुर्लभ बीमारी है इसकी जानकारी नहीं है लेकिन इस पर काम हो रहा है।
भारत में इन अस्पतालों में होता है इलाज
ICMR की तरफ से नेशनल रजिस्ट्री फॉर रेयर डिजीज अस्पतालों में मौजूद है। जहां रेयर डिजीज का डायग्नोसिस और मैनेजमेंट और डाटा पर काम होता है। देशभर में दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 8 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किया गया है। इनमें से दो दिल्ली में हैं।
- एम्स नई दिल्ली
- मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज
- संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ
- पीजीआई मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़
- सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स विद निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हैदराबाद
- किंग एडवार्ड मेडिकल हॉस्पिटल मुंबई
- इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च कोलकाता
- सेंटर फॉर ह्यूमन जेनेटिक्स विद इंदिरा गांधी अस्पताल, बंगलुरू
सरकार से मिलती है आर्थिक मदद
NPRD 2021 के अनुसार जिस रेयर डिजीज में वन टाइम ट्रीटमेंट की जरूरत है उसमें भारत सरकार राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत 20 लाख तक का फंड देती है। इसके लिए लाभार्थी का बीपीएल धारक होना जरूरी नहीं होता है। बल्कि वह उस 40 फीसदी आबादी का हिस्सा होने चाहिए जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इलाज कराते हैं। सरकार की तरफ से इलाज के लिए पैसा मरीज के खाते में न जाकर इलाज करने वाले अस्पताल के पास ट्रांसफर होता है।
क्राउड फंडिंग से मिलती है मदद
Rare disease funds raise में क्राउड फंडिंग भी काफी मददगार साबित होती है। सरकारी मदद के अलावा भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन क्राउड फंडिंग के लिए पोर्टल भी बना है। इससे रेयर डिजीज के मरीज का इलाज कर रहे NDRP के तहत नोटिफाइड अस्पताल मरीज की बीमारी की डिटेल, उसका बैंक अकाउंट, एस्टिमेटेड कॉस्ट की जानकारी पोर्टल पर देते हैं। इस दौरान अगर जरूरत से ज्यादा फंड मिल जाता है तो पहले फंड से पहले मरीज का इलाज किया जाता है और उसके बाद इस फंड का इस्तेमाल अस्पताल रिसर्च के लिए करता है।
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Positive सार
Rare disease funds raise कई तरह से होती है। बस लोगों में जागरूकता की कमी होती है। तो अगर आपकी जानकारी में ऐसे लोग हों तो सरकार की पहल के बारे में जरूर जागरूक करें।

