Hallmark in gold: सोना खरीदते समय कैसे चेक करें Hallmark?

Hallmark in gold: सोना खरीदने के समय आप क्या-क्या चीजें देखते हैं। आप ज्वेलरी से कैरेट पूछते होंगे। सोने का भाव पूछते होंगे। वजन भी पूछते होंगो और अब हॉलमार्क है या नहीं ये पूछते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हॉलमार्क कैसे चेक किया जाता है। अगर नहीं तो ये आर्टिकल आपके काम काम का है। हम आपको बताएंगे कि कैसे आप सोने की प्रमाणिकता जांच सकते हैं।

क्या होता है हॉलमार्क?

हॉलमार्क को आप एक स्केल मान सकते हैं। इसे सोने की शुद्धता के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जिसे हॉलमार्किंग (Hallmarking) कहते हैं। BIS यानी कि Bureau of Indian Standards के मानकों के हिसाब से सोने और चांदी में हॉलमार्किंग कंपल्सरी है। अगर किसी ज्वेलरी में हॉलमार्किंग है, तो इसका मतलब ये होता है कि वो शुद्ध है।

खबरों में क्यों?

हाल ही में डिपॉर्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने सोने की गहने की प्रमाणिकता की जांच के तरीकों के बारे में बताया है। विभाग के द्वारा कहा गया है कि सोने खरीदते समय हॉलमार्क (Hallmark in gold) जरूर देखें। खरीददारों को BIS Logo, कैरेट व फाइनेंस, 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक HUID कोड जांच जरूर करनी चाहिए। बता दें कि HUID वो यूनिक कोड होता है जिससे ग्राहक को सोने से जुड़ी सभी जानकारी मिलती है।

 24 कैरट गोल्ड के बारे में जानकारी

कई बार लोग सबसे शुद्ध सोने के चक्कर में भी ठगी का शिकार होते हैं। ऐसे में आपको ये जान लेना चाहिए कि सबसे शुद्ध सोना भले ही 24 कैरेट का होता है लेकिन इससे ज्वेलरी नहीं बनाई जाती है। 24 कैरेट का गोल्ड बेहद मुलायम होता है। सामान्यत: आभूषणों के लिए 22 कैरट सोने का यूज किया जाता है। इसमें 91.66 फीसदी सोना पाया जाता है।

कैसे पहचानें हॉलमार्क?

हॉलमार्क पर पांच नंबर होते हैं। आपको ये जानना चाहिए कि सभी कैरट का हॉलमार्क अलग होता।

  • 22 कैरट पर 916
  • 21 कैरट पर 875
  • 18 कैरट पर 750 लिखा होता है।

इसके अलावा असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान बना होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता (Hallmark in gold) भी छपी होती है। उसी में ज्वेलरी निर्माण का साल और उत्पादक का लोगो भी बना होता है। इसके अलावा भी आप सोना खरीदते समय कुछ बातों का ख्याल रख सकते हैं जैसे-

  • गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट जरूर लें।
  • सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरट क्वॉलिटी भी एक बार जरूर देखें।
  • अगर गोल्ड ज्वेलरी कोई जेम स्टोन लगा है तो उसका भी अलग सर्टिफिकेट लें।
  • खरीददारी के लिए हमेश विश्वसनीय दुकानों का चयन करें, वहां धोखा होने का डर नहीं होगा।
  • गोल्ड के प्राइज की जानकारी को लेकर अवेयर रहें।
  • असली और नकली सिक्कों की पहचान खनक से भी की जा सकती है। मेटल पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है।
  • सिक्का या ज्वेलरी खरीदते वक्त कच्ची पर्चियां लेने का ट्रेंड चलता है। लेकिन ये पूरी तरह से गलत है। कई बार वापसी के वक्त ज्वेलर्स खुद ही अपनी कच्ची पर्ची नहीं पहचान पाते हैं। इसलिए खरीददारी करते समय पक्का बिल जरूर लें।

Chakshu Portal: कॉल, मैसेज और फ्रॉड से मिलेगी सुरक्षा

Positive सार

सोने की पहचान (Hallmark in gold) में पूरी तरह से एक्सपर्टीज हासिल करना तो आसान काम नहीं है। लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखकर आप नुकसान से बच सकते हैं। सावधानियां रखते हुए आप शुद्धता की जांच कर सकते हैं। सोना खरीदते समय उसकी क्वॉलिटी पर भी गौर जरूर कीजिएगा। सोना खरीदते समय हॉलमार्क देखें। हॉलमार्क सरकारी गारंटी और इसका निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) करती है।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *