Ram Mandir: भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो चुकी है। अयोध्या के साथ पूरा भारत रामधुन में डूबा हुआ है। भगवान राम की नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण से लेकर मंदिर में रखी जा रही एक-एक चीजों का इस्तेमाल श्रद्धा स्वरूप किया जा रहा है। ऐसी ही दो चीजें अयोध्या में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। पहली गुजरात से अयोध्या पहुंची 108 फीट की अगरबत्ती और दूसरी राम के भक्तों को भोजन करवा रही राम की रसोई का लंगर, जानते हैं क्या है दोनों की खासियत….
गुजरात से भेजी गई है अगरबत्ती
गुजरात से अयोध्या पहुंची इस अगरबत्ती की सुगंध चारों तरफ फैल रही है। इसकी खास बात ये है कि यह अगरबत्ती गुजरात के वडोदरा से अयोध्या पहुंची है। इस अगरबत्ती का वजन लगभग 3 हजार 610 किलो बताया जा रहा है। करीब साढ़े तीन फीट चौड़ी यह धूपबत्ती करीब डेढ़ महीने तक अपनी खुशबू राम मंदिर में बिखेरती रहेगी। यही नहीं इस अगरबत्ती की खुशबू 50 किलोमीटर तक क्षेत्र में फैलेगी।
कई विशेष चीजों से बनीं है अगरबत्ती
अयोध्या के राम मंदिर के लिए बनाई गई इस असाधारण अगरबत्ती को बनाने के लिए कई विशिष्ट सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 3000 किलोग्राम गिर गाय का गोबर, 91 किलोग्राम गिर गाय का शुद्ध घी, 280 किलोग्राम देवदार के पेड़ की लकड़ी और भारतीय महत्व की सभी चीजें इसमें डाली गई हैं। इसे बनाने में धूप सामग्री सहित अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियों का भी उपयोग किया गया है। इसे तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है और करीब 6 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
इस अगरबत्ती का निर्माण गुजरात निवासी बिहाभरबाड़ ने करवाया है। विशाल अगरबत्ती को अयोध्या पहुंचाने के लिए एक लंबे ट्रेलर ट्रक ने लगभग 1800 किमी की दूरी पूरी की है। वडोदरा, हलोल, कलोल, गोधरा, शाहेरा, अरवल्ली, मोडासा, शामलाजी, खेरवाड़ा, उदयपुर, आगरा, लखनऊ, इटावा, कानपुर और उनाव के रास्ते ये अयोध्या पहुंचा है।
खास है राम की रसोई में बना भोजन
राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के नजदीक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भोजन कराने के लिए भंडारे, लंगर और भी कई सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं। ये सामुदायिक रसोई निहंग सिखों से लेकर इस्कॉन और देशभर के मंदिर न्यास से लेकर अयोध्या के स्थानीय लोगों द्वारा बड़े ही प्रेम भाव से चलाई जा रही है। अयोध्या आने वाले श्रद्धालु इन सामुदायिक रसोई में शुद्ध और ताजा पकाया गया गर्म भोजन ग्रहण कर रहे हैं।
एक दिन में 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं को मिलता है गर्म भोजन
मंदिर के समीप लगाए गए इन लंगरों में रोजाना 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं को गर्म भोजन मिल रहा है। जब प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद जनता के लिए मंदिर खोला जाएगा तो यह संख्या और बढ़ेगी। इसका खर्च महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा उठाया जा रहा है। साथ ही देशभर से लोग वित्तीय सहायता और कच्चा माल, दोनों तरह से दान भी दे रहे हैं।
Positive सार
मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के हर कोने से पहुंच रही हर चीज का अपना एक खास महत्व है। ये सभी श्रद्धा के प्रतीक हैं जो राम उत्सव के लिए बड़े ही प्रेम से तैयार किए गए हैं। क्योंकि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही रामराज्य की शुरूआत हो चुकी है।