Inspiration: कितने ही लोग होते हैं जो सपने देखते हैं और उनको पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं। मेहनत कर सफलता हासिल करते हैं और सफलता ऐसी, कि देश के प्रधानमंत्री तक आपके संघर्ष की कहानी पहुंची चुकी हो। ऐसी ही एक प्रेरणादायी कहानी (Inspiring) है बस्तर की उषा की। जानते हैं क्या है उनकी कहानी जिसकी प्रेरणा प्रधानमंत्री तक पहुंची….
बीते स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की बस्तर की बेटी उषा की कहानी को देश के लोगों के साथ साझा किया। दरअसल बस्तर संभाग के तहत आने वाले कोंडागांव जिले की उषा आज एक सफल व्यवसायी के तौर पर अपनी पहचान रखती हैं। लेकिन उनकी कहानी इससे भी कहीं ज्यादा है। ग्रामीण क्षेत्र, परिवार में गरीबी और रोजगार के कम मौकों की वजह से उषा को परिवार के लिए उषा को दूसरों के खेतों में मजदूरी करना पड़ता था। वे पहले गांव के खेतों में दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पोषण कर रही थीं। लेकिन उषा ने संघर्ष किया और खुद के साथ ही अपने आस-पास के लोगों की भी जिंदगी को बदला।
लखपति दीदी योजना का मिला फायदा
उषा को लोग लखपति दीदी के कहते हैं क्योंकि उन्हें केंद्र सरकार के लखपति दीदी योजना (lakhpati didi yojna) का फायदा मिला जिससे वे अपना सफल व्यवसाय चला रही हैं। लखपति दीदी योजना(Lakhpati Didi Scheme) देश में महिलाओं के लिए चलाई जाने वाली स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी एक योजना है। इन समूहों में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा है। इस भागीदारी को और भी सशक्त और मजबूत बनाने में महिलाएं अपनी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।
उषा ने लखपति दीदी योजना (lakhpati didi yojna) का फायदा उठाते हुए अपने जीवन को नई दिशा दी है। मजदूर बेटी से लखपति दीदी(Lakhpati Didi) बनने तक का सफर तय करने वाली उषा काफी पढ़ी लिखी भी हैं। उन्होंने इतिहास विषय से ग्रैजुएशन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी तारीफ की है। उन्होंने कहा कि परिवार को गर्व हो रहा है कि देश के सर्वोच्च पद में आसीन व्यक्ति ने उनकी तारीफ कर उनका हौसला बढ़ाया है।
दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत
उषा कोर्राम लखपति दीदी योजना का लाभ उठाकर सब्जी की खेती कर रही हैं। उनके काम से वे गांव की दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। उन्नत तकनीक से खेती किसानी करने के लिए गांव की 50 युवतियां उषा से खेती-किसानी का हुनर सीख रही हैं। उषा की कामयाबी सिर्फ उनकी नहीं पूरे गांव की कामयाबी बन रही है।
जैविक खेती कर रही हैं उषा
प्राकृतिक संसाधनों से जैविक खेती करने के तरीके में उषा माहिर हैं। वे आज जैविक खेती कर अत्यधिक उत्पादन लेने वाली किसानों में से एक बन गई हैं। उषा कहती हैं कि जैविक खेती को अपनाकर वो धरती का ख्याल रख रही हैं। वो ये समझती हैं पर्यावरण का संरक्षण भी उन्ही की जिम्मेदारी है यही वजह है कि उन्होंने जैविक खेती को चुना
सेल्फ हेल्प ग्रुप को मिलता लाभ
इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से देश के 15,000 महिला सेल्फ हेल्फ ग्रुप को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। साथ ही इन महिलाओं को ड्रोन की मरम्मती का काम भी योजना के तहत सिखाया जाएगा। इस स्कीम का उद्देश्य है कि महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाए ताकि वे आत्मनिर्भर बनें। सरकार ने इस नई योजना का नाम लखपति दीदी योजना रखा है।