माता-पिता हर किसी के पसंदीदा पार्टनर नहीं होते हैं। सामान्यत: ऐसा होता है कि हर युवा अपने हम उम्र के साथ घूमना-फिरना ज्यादा पसंद करते हैं। कई तो सोलो ट्रिप पर अकेले घूमने निकल पड़ते हैं। लेकिन एक लड़का ऐसा जिसकी ट्रैवल पार्टनर काफी खास है। वो और कोई नहीं उसकी मां है। 63 साल की बुज़ुर्ग मां और बेटे की जोड़ी ने भारत यात्रा की है। उन्होंने साथ में आगरा, शिमला, धर्मशाला, गोवा, ऋषिकेश, जयपुर, चंडीगढ़, अमृतसर और कश्मीर जैसे डेस्टिनेशन्स की सैर की है।
एडवेंचर लवर है ये मां-बेटे की जोड़ी
इस ट्रैवल ड्यू को एडवेंचर करना काफी पसंद है। यही कारण है कि ये अपने यात्रा के दौरान ये पैराग्लाइडिंग और हाइकिंग जैसी अनेक एडवेंचर एक्टिविटी का आनंद लेने से पीछे नहीं हटते हैं। इस मां-बेटे की जोड़ी ने पराशर झील ट्रेक और सरोलसर झील ट्रेक को भी पूरा किया है। इसे हासिल करना किसी भी तरह से आसान उपलब्धि की तरह नहीं है।
वेंकटेश कहते हैं कि उन्हें कभी भी ट्रैवल की लिए अपनी मां को मनाने की जरूरत नहीं होती। उनकी मां हमेशा रोमांच के लिए तैयार रहती है। वेंकटेश उन सभी लोगों की धारणा को तोड़ते हैं जो ये सोचते हैं कि माता-पिता के साथ यात्रा करना मुश्किल है। वे कहते हैं कि उनके हिसाब से यह एक अच्छा चलन है जो परिवार के रूप में उनकी मां और उन्होंने शुरू किया है। वेंकटेश की मां उनके साथ हमेशा नई चीजों को आजमाने और भारत की अलग-अलग जगहों की यात्रा करने के लिए उत्साहित रहते हैं।
मां के साथ यात्रा करना सुखद- वेंकटेश
वेंकटेश कहते हैं कि उनका अपनी मां के साथ यात्रा करना एक सुखद अनुभव है। वे अपनी उम्र के लोगों को अपने दोस्तों या पार्टनर के साथ यात्रा करते देखते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी मां उनकी सबसे अच्छी ‘ट्रैवल पार्टनर’ हैं। यात्रा में उनका साथ हर एक चीज़ आसान होती है। ये दोनों मिलकर अपनी यात्रा के हर पल को संजोते हैं। कभी-कभी जब ये मां-बेटे यात्रा पर होते हैं, तो मैं मां के स्वास्थ को लेकर चिता भी होती है लेकिन उनकी मां काफी हिम्मती हैं। उन्होंने अपनी मां से बहुत कुछ सीखा है।