‘बगल में छोरा और शहर में
ढिंढोरा‘। ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी। मौजूदा हालात इसका
जीता-जागता उदाहरण हैं। जहाँ एक तरफ हम पूरी दुनिया में ऐसे फल, सब्ज़ियाँ और फूड रेसिपीज़ तलाशने में जुटे हुए हैं जो हमारी इम्युनिटी बढ़ा
सकें और कोविड जैसी महामारी से हमें सुरक्षित रख सकें, वहीं
दूसरी तरफ हमारे आस-पास ही अच्छी सेहत हासिल करने का एक ऐसा खज़ाना दबा हुआ है जिस
पर हम गौर भी नहीं करते। ये खज़ाना हैं हमारी पौष्टिक सब्ज़ी-भाजियों का।
छत्तीसगढ़ के एक विशेषता यह है यहाँ 36 प्रकार की अलग-अलग भाजियाँ
पायी जाती है। इस प्रदेश अगर भाजियों का प्रदेश कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इन
भाजियों में ऐसे तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं जो ना सिर्फ आपकी इम्युनिटी
बढ़ाएंगे बल्कि आपको चुस्त और तंदरुस्त रखने में भी आपकी मदद करेंगे। इतना ही नहीं,
शोध में तो यह भी पाया गया है कि कुल्थी भाजी से पथरी की गंभीर
बीमारी से भी निजात पाया जा सकता है। वहीं चरोटा और मास्टर भाजी में फाइबर सबसे
ज़्यादा मात्रा में पाया जाता है जो पेट से जुड़ी बीमारियों को आपके करीब भी नहीं
भटकने देगा।
ये
हैं कुछ प्रमुख भाजियाँ
1. कुल्थी भाजी – कुल्थी भाजी
किडनी से जुड़ी समस्याओं में काफी असरदार है। किडनी में होने वाली पथरी को दूर करने
में कुल्थी भाजी बहुत असरदार साबित हो सकती है।
2. चौलाई भाजी – चौलाई भाजी को
12 महीनों की भाजी के रूप में पहचाना जाता है। इसका स्वाद
थोड़ा मैथी और पालक के बीच का होता है, लेकिन स्वास्थ के लिए
काफी लाभदायक होती है। रक्त के संचार और धमनियों के विकास में चौलाई भाजी कारगर
होती है।
3. भथुआ – भथुआ भाजी का टेस्ट
पालक जैसा होता है। ये पालक के प्रकार ही स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होती है।
इस भाजी को चने की दाल के साथ खाने पर इसके स्वाद में चार चाँद लग जाते है।
विटामिन और प्रोटीन से भरपूर भथुआ लिगामेंट के लिए काफी लाभदायक होती है।
4. खेड़ा- सर्दी-ज़ुखाम में खेड़ा
भाजी के पेय पदार्थ पीने से काफी हद तक आराम मिलता है। तासीर गर्म होने के कारण ये
ठंड में काफी फायदेमंद है।
5. चरोटा – पेट दर्द की समस्या
से निजात पाने में चरोटा भाजी काफी फायदेमंद है। चरोटा शरीर के लिए काफी फायदेमंद
है। पेचिस हो या पेट में मरोड़, सभी के लिए चरोटा भाजी
लाभदायक है।
6. गोभी भाजी- वैसे तो गोभी की
सब्ज़ी सभी ने कभी ना कभी ज़रूर खायी होगी। लेकिन उसके पत्ते को बहुत ही कम लोगों ने
चखा होगा। विटामिन सी से परिपूर्ण गोभी के पत्ते शरीर की हड्डियों के विकास और
युवा अवस्था में शरीर के विकास में बहुत कारगर है।
7. कुसमी- पत्तियों की बनावट
के कारण अनोखी दिखने वाली कुसमी भाजी का आयुर्वेदिक महत्व भी है। इसका रस को पीने
से गले की खराश दूर हो जाती है। आज के इस महामारी में इस भाजी का सेवन ज़रूर करें।
8. चनौटी भाजी – चनौटी भाजी एक खास तरह की भाजी है जिसे बस्तर के लोग सबसे
ज़्यादा पसंद करते हैं। जोड़ दर्द की समस्या के लिए उपयोग की जानी वाली चनौटी सेहत
के लिए काफी लाभदायक होती है।
कोरोना के इस मुश्किल दौर में सेहत को सबसे
ऊपर रखना अब सिर्फ लक्ज़री नहीं बल्कि ज़रूरत बन गयी है। ऐसे में यदि ये उपाए
पौष्टिक होने के साथ-साथ कम दामों में और आसानी से उपलब्ध हो तो हमें दूसरे
विकल्पों पर निर्भर होने की ज़रूरत नहीं
पड़ेगी।