विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा: मजबूत होगी भारतीय अर्थव्यवस्था

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने विदेशी
मुद्रा भंडार से जुड़ी एक अच्छी खबर दी है। आरबीआई के जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत
के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है, जिसकी वजह से भारत आयात संबंधी जरूरतों
को पूरा करने में पहले से ज्यादा सक्षम होगा। भले ही महामारी के चलते हमारी
अर्थव्यवस्था थोड़ी कमजोर हुई है, लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में हम रूस
को पीछे छोड़कर दुनिया में चौथे नंबर पर आ गए हैं। जुलाई 2021 में देश का विदेशी
मुद्रा भंडार 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया। 

भारत
की विदेशी मुद्रा भंडार अब 610 डॉलर के पार चली गई है। इसके अलावा 7.6 करोड़ डॉलर
की वृद्धि के साथ गोल्ड रिजर्व में भी बढ़त देखने को मिली है। अब भारत के पास
36.372 अरब डॉलर गोल्ड रिजर्व हो गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश
के आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। यह देश के केंद्रीय बैंकों की धनराशि
और परिसंपत्तियां होती है, जिसका उपयोग जरुरत पड़ने पर देनदारियों के भुगतान के
रूप में किया जाता है। विदेशी मुद्रा भंडार का मजबूत होना अर्थव्यवस्था के लिए
काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति
में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद देता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा
असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने से
भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति
आसानी से होगी। इसके अलावा भारत विदेशी व्यापार को आकर्षित करेगा साथ ही सरकारी
सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकेगा।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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