Highlights:
- 11 फरवरी को हुई चौथी क्वाड समिट
- ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आयोजित हुई Quad Summit 2022
अमेरिका ने भारत को क्वॉड की शक्ति और विकास का एक इंजन कहा है। इसके अलावा अमेरिका ने भारत को इंडो पैसिफिक रीजन में अपना प्रमुख सहयोगी भी बताया है। इस बात को मेलबर्न में 11 फरवरी को क्वॉड की हुई बैठक के बाद कहा गया है। क्वाड समिट2022 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे।
व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल प्रेस सेक्रेटरी कारीन जीन-पियरे ने वॉशिंगटन में मीडिया बातचीच के दौरान कहा कि भारत दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रिय है और वह दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में लीडर की भूमिका में हैं। । वह क्वॉड को आगे बढ़ाने वाली ताकत और रीजनल डेवलपमेंट के लिए एक इंजन का काम कर रहा है।
भारत के साथ जारी रहेगी अमेरिका की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप
अमेरिका ने यह भी कहा है कि अमेरिका के साथ भारत की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप जारी रहेगी। इसका मकसद दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, साइबर स्पेस जैसे नए क्षेत्रों भारत और अमेरिका को साथ काम करना होगा और इसके लिए दोनों देशों को मिलकर सहयोग करना, आर्थिक सहयोग को बढ़ाना और योगदान के लिए काम करना होगा।
क्या है क्वॉड देश ?
क्वॉड का पूरा नाम ‘क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग’ है। भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ये 4 देश इसके सदस्य हैं। क्वॉड का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक रीजन में शांति बनाए रखना है। 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पहल पर क्वाड को तैयार किया गया था। जिसके बाद 2019 में पहली क्वॉड की बैठक हुई थी। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया अपनी जमीन, इंफ्रास्टक्चर और राजनीति में चीन की बढ़ती रुचि से काफी परेशान है। वहीं भारत चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत को चुनौती के रूप में देख रहा है। जापान, चीन की विस्तारवादी नीति से परेशान है, वहीं अमेरिका फिर से चीन के इंडो-पेसिफिक रीजन में प्रभुत्व हासिल करने के लिए परेशान नजर आ रहा है। ऐसे में क्वाड देश मिलकर इन मुद्दों पर सामने आ रहा है।