देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा के अंतर को खत्म करेगा नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम

“There can be no physical health without mental health”- WHO
भारत में एक कहावत बहुत प्रचलित है- ‘मन अच्छा तो सब अच्छा’ लेकिन यह बात सिर्फ कहावतों तक ही सीमित लगती है क्योंकि असल में मन के स्वास्थ्य का ख्याल हममें से बहुत कम ही लोग रखते हैं। ज्यादातर ऐसा होता है कि बीमार पड़ने पर तो लोग चिकित्सकीय परामर्श लेते हैं लेकिन मन के लगातार खराब या परेशान रहने पर डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। क्योंकि मेंटल हेल्थ जैसी स्थिति से भारत में फिलहाल तो कोई इत्तेफाक नहीं रखता है। लेकिन मेंटल हेल्थ को लेकर बहस तब तेज हुई जब केविड और लॉकडाउन जैसी स्थिति से लोगों को गुजरना पड़ा। कोविड से उपजी परिस्थितियों की वजह से भारत ही दुनिया भर में बढ़ रही कठिनाइयों का सामना हर कोई कर रहा है। अकेलापन, सामाजिक और आर्थिक परेशानियां, बीमारियों से कमजोर होता शरीर और महामारी के बाद पोस्ट कोविड बीमारियों से लड़ना हर किसी के लिए एक चैलेंज बनकर सामने खड़ी है।

और इसी समस्या से लड़ने के लिए भारतीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने आम बजट 2022 के दौरान नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की। मानसिक स्वास्थ्य पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को स्वीकार करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि- “महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाया है। गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए भारत में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।” इस घोषणा से स्वास्थ्य पेशेवरों और स्वास्थ्य संस्थानों के डिजिटल रजिस्टर, एक विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और एक सहमति ढांचा शामिल होगा, जो quality mental health counseling और care services तक पहुंच को बढ़ावा देगा।

क्या है नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में ही टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम को लेकर कहा कि सरकार अपने सरकार अपने नागरिकों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजग है। नेशनल टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के तहत सभी के लिए गुणवत्ता, मानकीकृत और मुफ्त 24×7 मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी। इसके अलावा यह कार्यक्रम देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा तक हर आम आदमी की पहुंच के एक बड़े अंतर को पाटेगी। राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शानदार 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा। निम्हंस (NIMHANS) नोडल सेंटर होगी और IIIT बैंगलोर मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए तकनीकी सहायता देगी। सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब, कई वैज्ञानिक प्रमाणों ने इस बात को साबित कर दिया है कि कोविड-19 ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है।

देश में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की आवश्यकता !

भारत में हर दस में से एक व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी पड़ाव में, stress या depression से पीड़ित होता है। बड़े कॉर्पोरेट क्षेत्र या छोटे कर्मचारी आमतौर पर सामान्य चिंता विकार से पीड़ित होते हैं। मानसिक बीमारी पर आंकड़ों के बारे में बात करते हुए, WHO का कहना था कि दुनिया भर में 30 करोड़ लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। और कोविड-19 ने इन चुनौतियों को बढ़ा दिया है। दरअसल कोविड केबाद ठीक हो चुके मरीज ब्रेन फॉग का अनुभव करते हैं। वे स्पष्ट रूप से सोचने में सक्षम नहीं होते हैं, और उनमें न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी देखने को मिलते हैं। ऐसे मरीजों को टेली-मेंटल कार्यक्रम से काफी फायदा होगा। वैसे तो जानकारों का यह भी कहना है कि भारत की स्थिति दूसरे देशों से कहीं बेहतर है क्योंकि भारत में लोग योग और आयुर्वेद से जुड़े हुए हैं। बावजूद इसके भारत में लगभग 65000 अतिरिक्त मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जरूरत है।

कार्यक्रम की विशेषताएं क्या हैं?

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को कुल 86,200.65 करोड़ रुपये में से 83,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जबकि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को 3200 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
  • इस पहल के तहत अलग-अलग राज्यों में कुल 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे। National Institute of Mental Health and Neuro Science ,NIMHANS इन केंद्रों पर एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
  • यह एजेंसी लोगों को एक संपर्क नंबर भी उपलब्ध कराएगी ताकि जिन्हें मानसिक उपचार की ज़रूरत है, वे उनसे संपर्क कर सकते हैं.
  • साक्ष्य-आधारित प्रासंगिक तकनीकों का उपयोग करते हुए सक्षम परामर्श और उपचार प्रदान किया जाएगा।
  • उच्च गुणवत्ता, 24*7 घंटे मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक लोगों की पहुंच में सुधार होगा।
  • तकनीकी सहायता – NIMHANS के समान (जो एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है, अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान – बैंगलोर (IIITB) तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

कार्यक्रम के लाभ:

  • भारत, एक ऐसा देश है जहां लोग मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं और इसे एक सामाजिक कलंक मानते हैं। ऐसे में Tele Mental Health एक मददगार विकल्प साबित होगा। इस तरह की सुविधा से रोगी बिना किसी प्रकार की चिंता के डॉक्टर से परामर्श ले सकेगा और उनके स्वास्थ्य में सुधार होना शुरू हो जाएगा। और इस सुविधा से मरीज की गोपनीयता भी बरक़रार रहेगी।
  • Wellbeing Counsellor, psychologist, Psychiatrist, Yoga Instructor और कई ऐसे पेशे है जो इस क्षेत्र को और ज़्यादा विस्तृत बनाते है। इस क्षेत्र में काम करने से न केवल देशवासियों के स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि छात्रों के लिए इसे कैरियर विकल्प के रूप में चुनने के नए अवसर भी पैदा होंगे।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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