हरियाली तीज जानिए क्यों है ये खास

आज जानेंगे की हरियाली तीज, जिसे सिंघारा तीज, छोटी तीज और मधुश्रवा तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार क्यों है 

सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह त्योहार मानसून ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जब धरती हरियाली से भर जाती है।

यह त्योहार हरेला बोने के साथ शुरू होता है। हरेला, जिसे गेहूं के ज्वारे भी कहा जाता है, को तीज से 10 दिन पहले बोया जाता है।

महिलाएं घरों में मिट्टी के बर्तन में गेहूं, ज्वार, मूंग, बाजरा, चना, मक्का आदि अनाज के बीज बोती हैं और उनकी देखभाल करती हैं।

हरेला तीज के दिन, ये अंकुरित अनाज देवी पार्वती को अर्पित किए जाते हैं।

हरियाली तीज का त्योहार पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन, सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज एक रंगीन और जीवंत त्योहार है जो प्रेम, प्रकृति और कृतज्ञता का उत्सव मनाता है। यह त्योहार महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है और उन्हें अपने पति के प्रति समर्पण और प्रेम व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।