सोलह सोमवार का व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाता है। इसे किसी भी सोमवार से शुरू किया जा सकता है, लेकिन श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में इस व्रत को शुरू करना सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है।

– सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। – पूजा स्थल को साफ करें और भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।

– भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाएं। – जल, चावल, फूल, और बेलपत्र अर्पित करें। – हाथ में जल, फूल, और चावल लेकर व्रत का संकल्प लें।

जल, चावल, फूल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, भस्म, और शुद्ध जल।

– "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें। – भगवान शिव की आरती करें।

सोलह सोमवार व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। यह व्रत कथा भगवान शिव और माता पार्वती की महिमा का वर्णन करती है।

इस दिन उपवास रखें। फलाहार कर सकते हैं, लेकिन नमक और अनाज का सेवन न करें। संध्या समय पुनः भगवान शिव की पूजा करें और आरती करें।

अगले दिन सामान्य भोजन करें और भगवान शिव का धन्यवाद करें। सोलह सोमवार का व्रत सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए किया जाता है।