भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनका जन्म आज से लगभग 1,296,000 साल पहले हुआ था।

भगवान राम को भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में माना जाता है। इससे पहले, भगवान विष्णु ने मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन और परशुराम के रूप में अवतार लिया था।

भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है। उनका जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी।

भगवान राम का नामकरण महर्षि वशिष्ठ ने किया था। उन्होंने राम शब्द को दो बीजाक्षरों अग्नि बीज और अमृत बीज से मिलकर बनाया था।

 भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। इसका अर्थ है कि वे मर्यादाओं के ज्ञाता हैं।

भगवान राम ने 14 वर्ष का वनवास भोगा। उन्होंने इस दौरान कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी सत्य और धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा।

भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया। उन्होंने रावण का वध करके समुद्र पार कर सीता माता को छुड़ाया।

भगवान राम अयोध्या के राजा बने। उन्होंने अयोध्या में रामराज्य की स्थापना की, जो न्याय और धर्म का प्रतीक था।

भगवान राम का विवाह सीता माता से हुआ था। सीता माता को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।

 भगवान राम के दो पुत्र थे - लव और कुश। लव और कुश ने अपने पिता के समान ही न्यायप्रिय और धर्मपरायण राजा बने।