आज का दिन है बच्चों का खास दिन, जब हम उनका उत्सव मनाते हैं। शुभ बाल दिवस!

पंडित नेहरू, जिन्हें हम ‘चाचा नेहरू’ के नाम से जानते हैं, उन्होंने हमेशा बच्चों को अपनी धड़कन से भी ज्यादा चाहा। उनका मानना था, ‘बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं।

1964 में, चाचा नेहरू के निधन के बाद, उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई, ताकि उनके बच्चों के प्रति प्यार और उनके सपनों को याद किया जा सके।

आज के दिन स्कूलों में बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं – कहीं नृत्य हो रहा है, कहीं चित्रकला प्रतियोगिता हो रही है, और हर जगह खुशी का माहौल है!

चाचा नेहरू का मानना था कि बच्चों को खुश रहना चाहिए और उन्हें अपनी क्षमता का पूरा इस्तेमाल करना चाहिए। उनका कहना था, ‘बच्चे बाग़ में खिले फूलों की तरह होते हैं, जिनमें अनंत संभावनाएँ होती हैं।

बाल दिवस को और भी यादगार बनाने के लिए, आप बच्चों के साथ पिकनिक पर जा सकते हैं, उन्हें दिलचस्प कहानियाँ सुना सकते हैं या मज़ेदार खेल खेल सकते हैं!

क्या आपको पता है? पहले बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन 1964 के बाद इसे चाचा नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को मनाना शुरू किया गया।