1.राजनीति में जजों के प्रवेश पर प्रतिबंध:

– राष्ट्रीय जनता दल के सांसद एडी सिंह का संविधान (संशोधन) बिल, 2024। – जजों और पूर्व चुनाव आयुक्तों के राजनीतिक दलों में शामिल होने पर रोक। – हाल ही में भाजपा में शामिल हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज रोहित आर्या।

2.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक पर बिल:

– तृणमूल कांग्रेस के सांसद मौसम नूर के दो बिल। – AI से कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा और डीपफेक को अपराध घोषित करने की मांग।

3.नागरिकता संशोधन अधिनियम में परिवर्तन:

– भाकपा के पी. संतोष कुमार का नागरिकता (संशोधन) बिल, 2024। – पड़ोसी देशों से प्रताड़ित अल्पसंख्यक विदेशी नागरिकों को धर्म के आधार पर नहीं बल्कि अन्य आधार पर नागरिकता देने का प्रस्ताव।

4.अन्य महत्वपूर्ण बिल:

– वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित कराने का बिल। – माकपा सांसद वी. सिवादासन के 'यूनिवर्सल बेसिक इनकम' और 'राइट टु ओल्ड एज केयर' के प्रविधान वाले दो बिल।

5.प्राइवेट मेंबर बिल क्या है?

– सरकार का हिस्सा नहीं होने वाले सांसद द्वारा पेश किया गया विधेयक। – 1952 से अब तक ऐसे कुल 14 बिल ही पास हुए हैं।

आगामी मानसून सत्र में राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण प्राइवेट मेंबर्स बिल पेश किए जाएंगे।

इनमें राजनीति में जजों के प्रवेश पर प्रतिबंध, AI और डीपफेक पर नियंत्रण, नागरिकता कानून में संशोधन, और वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित कराने जैसे प्रमुख मुद्दे शामिल हैं।