क्या है नया GNSS टोल सिस्टम?

1.नया टोल सिस्टम ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर आधारित है। 2.सैटेलाइट आपकी गाड़ी की लोकेशन ट्रैक करेगा। 3.टोल नाकों पर रुके बिना टोल टैक्स अपने आप कट जाएगा।

कैसे काम करेगा GNSS सिस्टम?

• गाड़ी में एक डिवाइस लगेगी जिसे ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) कहा जाता है। • यह OBU आपके बैंक अकाउंट से लिंक रहेगा। • OBU आपकी यात्रा की दूरी ट्रैक करेगा और टोल कट जाएगा।

20 किमी तक नहीं लगेगा टोल

•अगर आप 20 किमी तक यात्रा करते हैं, तो आपको कोई टोल नहीं देना होगा। • 20 किमी से अधिक यात्रा पर ही टोल टैक्स लगेगा।

GNSS के लिए अलग लेन

• GNSS सिस्टम वाली गाड़ियों के लिए हाईवे पर अलग लेन होगी।

• बिना GNSS वाली गाड़ियों को इस लेन में प्रवेश करने पर दोगुना टोल देना होगा।

सफल हुआ ट्रायल रन

• GNSS सिस्टम का ट्रायल बैंगलुरु-मैसूर और पानीपत-हिसार हाईवे पर सफलतापूर्वक किया गया। • अब यह सिस्टम पूरे देश में लागू किया जाएगा।

फास्टैग का क्या होगा?

• GNSS के साथ मौजूदा फास्टैग सिस्टम भी जारी रहेगा। • कैश टोल पेमेंट और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम से भी टोल वसूली की जाएगी।

टेक्नोलॉजी में नया कदम

• GNSS सिस्टम भारत के टोल सिस्टम को और सुविधाजनक और हाईटेक बनाएगा।

• यह देश के टेक्नोलॉजिकल विकास का प्रतीक है।