विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को मनाया जाता है। इसका मकसद दुनिया भर में तंबाकू सेवन करने वालों को 24 घंटे के लिए तंबाकू उत्पादों को छोड़ने के लिए प्रेरित करना है।

इतिहास:1987: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला किया।

1988: पहला विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई 1988 को मनाया गया। – हर साल:  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक थीम तय करता है जो तंबाकू सेवन के खतरों और इससे जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डालता है।

2024 की थीम: "सुरक्षित, स्वस्थ पर्यावरण" इस साल की थीम तंबाकू उत्पादन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर केंद्रित है। तंबाकू उत्पादन से पानी, मिट्टी और हवा प्रदूषित होती है। यह जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचाता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व:जागरूकता बढ़ाना: यह दिवस तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है।

लोगों को प्रेरित करना: यह लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करता है। – सरकारों को प्रोत्साहित करना: यह सरकारों को तंबाकू नियंत्रण नीतियों को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जब हम तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ा सकते हैं और लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।