विनेश फोगाट का नाम आज भारत में किसी परिचय का मोहताज नहीं है।

एक छोटे से गाँव से निकली ये लड़की आज देश की कुश्ती क्वीन बन चुकी है।

उनके पिता, बजे सिंह फोगाट, खुद एक कुश्ती कोच थे।

घर का माहौल ही ऐसा था कि विनेश को बचपन से ही कुश्ती से प्यार हो गया।

महिलाओं के लिए कुश्ती का रास्ता आसान नहीं था।

लेकिन विनेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने कड़ी मेहनत की और खुद को साबित किया।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने कई पदक जीते।

कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेलों और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उनके परचम लहराए।

पेरिस ओलंपिक का जादू पेरिस ओलंपिक में विनेश ने इतिहास रच दिया।

फाइनल तक पहुंचकर उन्होंने देश को गौरवान्वित किया।

उनकी इस सफलता ने न सिर्फ महिला कुश्ती को बढ़ावा दिया बल्कि लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई।

सफलता का मंत्र विनेश की सफलता का राज है उनकी लगन, मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति।