दिल्ली: भारत की राजधानी बनने की कहानी

दिल्ली, एक ऐसा शहर जो महाभारत काल से लेकर आज तक इतिहास का साक्षी रहा है। जानें कैसे दिल्ली बनी भारत की राजधानी और इसके पीछे की दिलचस्प कहानी।

प्राचीन दिल्ली

महाभारत में दिल्ली का उल्लेख इंद्रप्रस्थ के रूप में किया गया है, जिसे पांडवों ने बसाया था। यह शहर हजारों सालों से अस्तित्व में है।

राजधानी परिवर्तन की शुरुआत

1905 में बंगाल विभाजन के बाद अंग्रेजों ने राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया। यह विरोध को शांत करने का एक तरीका था।

राजधानी परिवर्तन की शुरुआत

1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने दिल्ली को नई राजधानी घोषित किया। इसके बाद एडविन लैंडसीयर लुटियन्स और हरबर्ट बेकर को नई दिल्ली के डिजाइन की जिम्मेदारी सौंपी गई।

आधुनिक दिल्ली का उद्घाटन

1931 में वायसराय लार्ड इरविन ने नई दिल्ली का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट और संसद भवन इसके प्रमुख स्थल बने।

स्वतंत्रता और वर्तमान दिल्ली

1947 में स्वतंत्रता के बाद भी दिल्ली भारत की राजधानी बनी रही। आज यह शहर भारत का राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र है।

निष्कर्ष

दिल्ली, एक शहर जो इतिहास और आधुनिकता का संगम है। यह शहर सदियों से भारत का हृदयस्थल रहा है और आज भी अपनी गौरवशाली परंपरा को बनाए हुए है।