एक उम्र के बाद हर व्यक्ति काम से रिटायरमेंट लेना चाहता है। लोग ये सोचते हैं कि रिटायरमेंट के बाद काम नहीं करेंगे,  घूमेंगे-फिरेंगे और आराम करेंगे। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पूरी तरह ऊर्जा से भरे होते हैं और जीवनभर काम करते हैं।

POSITIVE STORY

ऐसी ही एक कहानी है अहमदाबाद की रहने वाली पद्मा दादी की, जिन्होंने अपनी उम्र को अपने काम के आड़े नहीं आने दिया और आज वो एक सशक्त महिला की तरह ही अपना बिजनेस चला रही हैं जो विदेशों तक पहुंच रहे हैं।

अहमदाबाद

अहमदाबाद की पद्मा पारीख 88 वर्ष की हैं। उन्हें खाली बैठना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। उन्होंने अपने पैशन और रूचि को ही अपना व्यवसाय बना लिया है। वो दिन के चार से पांच घंटे अपने काम को करना पंसद करती हैं। उन्हें बचपन से ही आर्ट और क्राफ्ट में काफी दिलचस्पी थी, जिसे वह आज तक बड़े शौक़ से कर रही हैं।

पद्मा पारीख एक प्रेरणा

ऐसा नहीं है पद्मा दादी ने संघर्ष नहीं देखा है। ये बात जानकार कोई भी हैरान होगा कि उन्हें एक आँख से दिखाई नहीं देता, साथ ही उन्हें घुटनों की भी काफी परेशानी रहती है। बावजूद इसके उनका काम के प्रति जज़्बा और जुनून कम नहीं होता है, जो उन्हें लगातार काम करने के लिए खुद से ही प्रेरणा मिलती रहती है।

मुश्किलों में भी Positive रहकर किया काम

पद्मा दादी वेस्ट से बेस्ट चीज़ें बनाने का भी हुनर जानती हैं। कभी वह पुराने पर्स को क्रोशिया से नया बना देती हैं तो कभी प्लास्टिक को रीसायकल करके एक हैंड बैग में बदलती है। पिछले कई सालों से उन्होंने एक से बढ़कर एक चीज़ें तैयार की हैं।

दादी का हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस

दादी कापोतियों ने दिया बिजनेस करने का साहस हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस

 दादी के काम को उनकी पोतियों ने दुनिया तक पहुंचाने की सोची। बस फिर क्या था साल 2019 में उनकी पोतियों उनके हुनर को हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस में बदल दिया। लॉकडाउन के दौरान वे इंस्टाग्राम पर नियमित रूप से वीडियोज़ और फोटोज़ अपलोड करने लगे।

हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस चला रहीं पद्मा दादी उन सभी के लिए एक प्रेरणा हैं जो उम्र को कोसते रहते हैं। वो ये सिखाती हैं कि हर व्यक्ति हर वो चीज कर सकता है जो वो चाहता है। बस परसिस्टेंट और काम के प्रति जुनून होना चाहिए।